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कदमा नील सरोवर मैं हुई घटना के पीड़ित विधायक सरयू राय से मिले

जमशेदपुर। छठ के दिन कदमा, नील सरोवर में जो घटना हुई है इसका पीड़ित परिवार आज मुझसे मेरे बिष्टुपुर स्थित कार्यालय में आकर मिला। उन्होंने कागजात दिखाया कि वर्ष 2008 में ही झारखंड उच्च न्यायालय के अनुसार इस तालाब और भूमि पर उनका स्वामित्व है परंतु जमशेदपुर का प्रशासन और पुलिस इसे लागु नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बीच तालाब में आस्था का प्रतीक के तौर जो खँुटा गाड़ा गया था, उसे भी उखाडकर प्रशासन और टाटा स्टील ने फव्बारा लगा दिया है। वे सभी उसका विरोध करने गये थे वे कहीं से भी छठ पर्व का विरोध नहीं किया। परंतु इस बारे में उनपर सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न करने का एवं अन्य कठोर प्रावधानों के अनुरूप एफआईआर दर्ज कर दिया है।

मैने उन्हें आश्वस्त किया कि पूरी मदद करूँगा परंतु उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि यह मामला राजनीतिक रंग नहीं ले नहीं तो उनका हित पीछे हो जाएगा। मैंने उनसे कहा कि हाईकोर्ट में जाकर इस एफआईआर को रद्द करवाने का आवदेन दें। हाईकार्ट 1 मिनट में इस एफआईआर को रद्द कर देगा क्योंकि एफआईआर में उस वकील का भी नाम दर्ज है जो मुकदमा लड़ रहा है। इस बारे में बार एसोसिएशन में भी मामला उठाना चाहिए। इस बारे में मैंने वरीय पुलिस अधीक्षक से भी दूरभाष पर बात किया और कहा कि इस मामले मेें निष्पक्ष अनुसंधान होना चाहिए और अन्याय नहीं हो। प्रशासन को किसी राजनीतिक दबाव में नहीं आना चाहिए। वरीय पुलिस अधीक्षक ने आश्वस्त किया कि इसमें पुलिस निष्पक्ष जाँच करेंगी और किसी के साथ अन्याय नहीं होगा।

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