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कैट ने झारखण्ड सहित देश भर के 40 हज़ार से ज़्यादा व्यापारी संगठनों से कोविड को देखते हुए सावधानी बरतने की अपील की

किसी भी संभावित लॉकडाउन से व्यापार को लगेगा बड़ा धक्का- बेहतर होगा राजनैतिक रैलियों पर लगे रोक : सुरेश सोनथालिया

प्रीतपाल सिंह
जमशेदपुर। देश भर में जिस तेज़ी से कोविड के मामलों में एक बार फिर वृद्धि हो रही है तथा ओमिक्रान का संभावित प्रकोप होने की आशंका के चलते कन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्ज़ (कैट) ने झारखण्ड सहित देश भर के व्यापारिक संगठनों को एक सलाह जारी करते हुए आग्रह किया है की वो अपने अपने बाज़ारों में कोविड सुरक्षा के नियमों का पालन करने हेतु सख़्त कदम उठाएँ तथा प्रयास करें की बाज़ारों में भीड़ को कम किया जाए । कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थालिया ने ज़ोर देकर केंद्र एवं देश के विभिन्न राज्यों की सरकारों से कहा है की लॉक डाउन जैसा कोई भी कदम न उठाया जाए , इससे देश के व्यापार और आर्थिक गतिविधियों को बड़ा नुक़सान होगा और यदि लॉक डाउन लगाना ज़रूरी हो तो कोई भी निर्णय लेने से पहले व्यापारियों से सलाह मशवरा अवश्य किया जाए क्योंकि लॉक डाउन का सबसे सीधा और विपरीत असर देश के 8 करोड़ से ज़्यादा व्यापारियों पर पड़ता है ।

खंडेलवाल और सोन्थालिया ने यह भी कहा की कल इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने राजनीतिक दलों से कोविड को देखते हुए रैलियाँ न करने की सलाह दी है , जिस पर देश के सभी राजनीतिक दलों को गम्भीरता से विचार कर सबी रैलियों को स्थगित करना चाहिए । किसी भी लॉक डाउन के मुक़ाबले रैलियाँ न करना ज़्यादा ज़रूरी है और कोविड के प्रसार को रोकने में रैलियाँ न करना ज़्यादा बेहतर है । उन्होंने कहा की देश इस मामले में सभी राजनीतिक दलों से ज़िम्मेदार व्यवहार की उम्मीद करता है । कोविड से लड़ाई में यह बेहद महत्वपूर्ण कदम साबित होगा । चुनाव आएँगे और जाएँगे किंतु हर व्यक्ति से कोविड से बचा रहे, यह दायित्व केवल सत्ताधारी दल का नहीं बल्कि देश के सभी राजनैतिक दलों का है ।
कैट ने व्यापारी संगठनों को जारी अपील में कहा है की जिस प्रकार से केंद्र सरकार ने इस सम्बंध में राज्य सरकारों को दिशा निर्देश दिए हैं तथा विभिन्न राज्य सरकारों ने इस सम्बंध में कदम उठाए हैं , उसको देखते हुए व्यापारी संगठनों को आगे आकर न केवल अपनी सुरक्षा बल्कि अपने कर्मचारियों तथा ग्राहकों की सुरक्षा पर भी ध्यान देने से कोविड की रोकथाम के प्रयासों को एक बड़ा सहयोग मिलेगा ।
खंडेलवाल और सोन्थालिया ने कहा की इस मुद्दे की गम्भीरता का अंदाज़ा उस बात से लगाया जा सकता है की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कल स्वयं इस विषय पर एक उच्चस्तरीय बैठक की है । उन्होंने कहा की दुनिया भर से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, ओमनिकोर्न हर जगह तबाही मचा रहा है और बढ़ते मामलों में मौतों की बढ़ती संख्या भारत के लिए आने वाले खतरे का एक स्पष्ट संकेत है।
अमेरिका में 22 दिसंबर को लगभग 2.5 लाख मामले, यूके में 1. 20 लाख और फ्रांस में 91000 मामले दर्ज किए। ये आंकड़े बेहद चिंताजनक हैं।
कैट ने कहा की यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि सभी व्यापारी अपने-अपने बाजारों में वायरस के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए तत्काल निवारक कदम उठाना शुरू कर दें। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और विभिन्न राज्य सरकारों अथवा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भी प्रसार को नियंत्रित करने के लिए क्रमशः राज्य सरकारों और बाजार संघों के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिन पर अमल किया जाना चाहिए ।
सुरेश सोन्थालिया ने बताया की कैट ने अपील की है की बाजार की सभी दुकानों में स्पष्ट रूप से “नो मास्क नो सेल” लिखा हुआ एक साइन बोर्ड प्रदर्शित होना चाहिए। सभी दुकानों में सैनिटाइजर रखा जाए और ग्राहक व कर्मचारी अपने हाथों को नियमित रूप से सैनिटाइज करते रहें।सभी कर्मचारियों को हर समय मास्क पहनना होगा।डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिया जाना चाहिए और नकदी के उपयोग को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए क्योंकि वायरस मुद्रा नोटों के माध्यम से भी फैलता है।
उन्होंने यह भी बताया की कैट ने यह भी आग्रह किया है की सभी ग्राहकों और कर्मचारियों की थर्मल स्क्रीनिंग नियमित आधार पर की जानी चाहिए।उचित सामाजिक दूरी को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और दुकानों पर भीड़ से बचना चाहिए। उचित कतारें हर समय बनी रहनी चाहिए।एक समय में दुकान में ग्राहकों की संख्या को दुकान के आकार के अनुसार सीमित किया जाना चाहिए।खांसी जुकाम या बुखार के लक्षण वाले किसी भी ग्राहक को तत्काल लौटाया जाना चाहिए। राज्य सरकारों से बात कर दुकान के समय में बदलाव किया जाना चाहिए ताकि ग्राहकों को उपयुक्त समय अंतराल में समायोजित किया जा सके।
कैट ने कहा की वायरस के प्रभाव को नियंत्रित करना ही कोविड से बचाव की कुंजी है, इसे सभी व्यापारियों, उनके कर्मचारियों तथा ग्राहकों के बीच बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
कैट ने ज़ोर देकर कहा की सभी व्यापारी मिलकर उपरोक्त उल्लिखित बिंदुओं का पालन करेंगे जो पिछले दो वर्षों में उभरी इस महामारी के विस्तृत अध्ययन और समझ के बाद संकलित किए गए हैं। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने ग्राहकों, अपने कर्मचारियों और अपने परिवारों को घातक वायरस से उनको सुरक्षित रखें।

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