आनंद कारज में पढ़ी जाने वाली 4 लावा का अर्थ भी समझना हर गुरदुवरा साहिब में अनिवार्य हो : जमशेदपुरी
जमशेदपुर। जमशेदपुर के प्रचारक हरविंदर सिंह जमशेदपुरी ने गुरु घरों में होने वाले आनंद कारज(विवाह)में पढ़ी जाने वाली 4 लवों को हर गुरु घर में अर्थ समझने की अपील की है। उन्होंने कहा है की सिक्खों के चोथे गुरु गुरु रामदास जी की उचारण की गई बiणी जो किसी सिक्ख के आनंद कारज के वक़्त पढ़ी। जाती है उसका अर्थ भी समझना हमारा फ़र्ज़ है हरविंदर ने कहा की हम सब गुरदुवरा साहिब में ये तो कहते है की फेरे 12 बजे से पहले होने चाहिए जो की नियम तमाम गुरुद्वारा साहिब में बनाया गया है तो फिर पर इस बात पर भी नियम बना दिया जाए की जिस भी सिक्ख का आनंद कारज जमशेदपुर के किसी भी गुरु घर में होता है परिवार के दोनो सदस्यों के साथ आए हुए सभी रिश्तेदारों को इस 4 लवों का अर्थ गुरु घर के ग्रंथि साहिब बताए हरविंदर ने कहा की वेसे आनंद कारज अमृत वेले हो तो ओर भी अच्छी बात होगी।