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आध्यात्मिक शख्सियत माता अमृतानंदमयी जी पर ईश्वर की है विशेष कृपा : काले

सेवा भाव से चलता है एशिया का सबसे बड़ा फरीदाबाद का अमृता हॉस्पिटल

देश में स्वास्थ्य क्रांति का प्रतीक, आयुष्मान कार्ड धारकों को मिलती है सुविधा

समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले ने इस अस्पताल का भ्रमण करने के बाद की भूरि भूरि प्रशंसा, झारखंड के जरूरतमंद लोगों के लिए तलाशे संभावनाओं के द्वार


नई दिल्ली : समाजसेवी अमरप्रीत सिंह काले ने अमृता हॉस्पिटल, फरीदाबाद के एडमिनिस्ट्रेटिव डायरेक्टर श्री निजामृतानंद पूरी जी महाराज से विशेष भेंट की और संस्थान द्वारा चलाये जा रहे अत्यंत पावन व पुनीत कार्यों को समझा. श्री महाराज ने झारखण्ड के मरीजों का भी इलाज करने के श्री काले के अनुरोध का स्वागत किया.

आज एशिया के सबसे बड़े निजी अस्पताल की बात करें जहां हर मरीज का पूरे सेवा भाव से उपचार किया जाता हो तो यह कहने मे कोई अतिश्योक्ति नहीं कि दिल्ली से सटे फरीदाबाद स्थित नवनिर्मित अमृता अस्पताल है. मुझे यहाँ जाने का सुअवसर मिला. जब इस अस्पताल में गया तो ऐसा लगा ही नहीं कि मैं भारत के किसी अस्पताल में हूं। 135 एकड़ के विशाल परिसर में भरपूर हरियाली, साफ सुथरे बगीचे, व्यवस्थित सेवाएं और सहयोग संबंधी निर्देशों वाले साइन बोर्ड हर दिशा मे दिखाई देंगे। 2,600 बिस्तरों की क्षमता वाले इस अस्पताल मे 500 से भी ज़्यादा ICU -CCU है , कैंसर के विश्वस्तरीय इलाज है, लोगों को स्किल देने की ट्रेनिंग दी जाती है, हज़ारों सेल्फ हेल्प ग्रुप्स को मदद की जाती है. यहाँ जैसे ही आप प्रवेश करेंगे तो चाहे सुरक्षा कर्मी हो या अस्पताल का कोई अन्य स्टाफ वो आपको नमः शिवाय कह कर स्वागत करते हैं। चमचमाते हुए फर्श और पूरी तरह व्यवस्थित अस्पताल के मुख्य कक्ष में घुसते ही आपको यह बिल्कुल भी महसूस नहीं होगा कि आप एक अस्पताल में आए हैं। देश के महंगे से महंगे निजी अस्पताल में भी आपको मरीजों और उनके तीमारदारों का शोर सुनाई देगा परंतु अमृता अस्पताल की पार्किंग में खड़ी गाड़ियों की संख्या को देख अगर आप यह सोचें कि अस्पताल में काफी भीड़ होने की संभावना है, तो यह आपका भ्रम साबित होगा। इतने बड़े और सुनियोजित अस्पताल में आपको कहीं भी भीड़ नहीं दिखाई देगी।

दुनियाभर में करोड़ों लोगों को गले लगा कर आशीर्वाद देने वाली भारत की आध्यात्मिक शख्सियत माता अमृतानंदमयी मां जिन्हें सब अम्मा कह कर पुकारते हैं, के माता अमृतानंदमयी मठ द्वारा संचालित इस संस्था द्वारा चलाए जाने वाला यह देश का दूसरा बड़ा अस्पताल है।* अम्मा के अस्पतालों में सभी को इस बात पर विशेष ध्यान देने को कहा जाता है कि मरीजों का सेवा भाव से ही इलाज किया जाए। किसी को भी अमीर या गरीब समझ कर किसी भी तरह का भेदभाव न किया जाए। अन्य महंगे निजी अस्पतालों की तुलना में जब भी कोई मरीज यहां पहली बार आता है तो उसे अपना पंजीकरण कराने के लिए मात्र 50 रुपए ही देने होते हैं जो आजीवन पंजीकरण शुल्क है। यहीं किसी भी डॉक्टर को दिखाने के लिए ओपीडी चार्ज मात्र 400 रूपए है।अन्य महंगे निजी अस्पतालों की तुलना में यहां पर प्राइवेट कमरा केवल 5500 प्रतिदिन पर मिल जाता है। अस्पताल के संचालन में लगे हुए सभी वरिष्ठ अधिकारी यहां सेवा भाव से कार्य करते हैं। यह सभी व्यक्ति विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए अनुभवी लोग हैं जो अम्मा के प्रति समर्पित हैं। यह सभी अस्पताल की व्यवस्था बनाए रखने के लिए सभी को प्रेरित करते हैं। बातों-बातों में वरिष्ठ अधिकारियों ने मुझे बताया कि कुछ अन्य निजी अस्पतालों की तुलना में हम अमृता अस्पताल के सभी डॉक्टरों को यह बात स्पष्ट रूप से कहते हैं कि इस अस्पताल में किसी भी डॉक्टर के पास किसी भी तरह का कोई टारगेट नहीं है। उन्हें केवल मरीज को सही और जरूरी उपचार ही देना है।

आध्यात्मिक जगत में माता अमृतानंदमयी के अनुयायी आज पूरी दुनिया के कोने कोने में हैं, न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक तथा सेवा के क्षेत्र में भी अम्मा के नेतृत्व में उल्लेखनीय कार्य हो रहे हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र में अमृता हॉस्पिटल का नाम आज पूरी दुनिया में सम्मान के साथ लिया जाता है। मैसूर, कोल्लम, कल्पेट्टा और कोच्चि से शुरू हुई यह स्वास्थ्य यात्रा आज हरियाणा के फरीदाबाद में सेवा के इस मिशन को अग्रसर कर रही है।विडंबना है कि स्वतंत्र राज्य बनने के 24 साल बाद भी झारखंड स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में विश्वस्तरीय सुविधाओं से वंचित है। अक्सर यहां के लोगों को बेहतर इलाज के दूसरे प्रदेशों में जाना पड़ता है। ऐसे में अमरप्रीत सिंह काले ने झारखंड में भी अमृता हॉस्पिटल की स्थापना तथा झारखंड वासियों के लिए फरीदाबाद स्थित अमृता हॉस्पिटल में सुविधाजनक इलाज की संभानाओं पर चर्चा की।

विदित हो कि स्वास्थ्य सेवा Lmao साथ चिकित्सा शिक्षा मे भी माता अहम भूमिका निभा रही है और हर वर्ष उनके द्वारा संचालित मेडिकल कॉलेज से अनगिनत चिकित्सक और अन्य पारा मेडिकल स्टाफ प्रशिक्षित होकर मानव सेवा मे योगदान कर रहे हैं।
काले ने बताया कि किसी संस्था द्वारा इतनी भव्य व्यवस्था का निर्माण और संचालन ईश्वर की विशेष कृपा के बिना हो नहीं सकता। उन्होंने माँ अमृतानंदमयी जी के विचारों और किये जा रहे कार्यों की भूरि भूरि प्रशंसा की और कामना की कि माँ को भोलेबाबा और शक्ति प्रदान करे, ताकि बीमारियों से ग्रस्त मानवता की खूब सेवा हो सके । श्री काले ने बताया कि जल्द ही माँ के दर्शन करने उनके आश्रम जाएँगे और उनका आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

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