अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’ की जयंती सह कथा मंजरी हुआ सम्पन्न
जमशेदपुर। रविवार को अपराह्न 4 बजे से साहित्य समिति, तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मासिक ‘कथा मंजरी’ सह अयोध्या सिंह उपाध्याय ” हरिऔध” की जयंती कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसकी अध्यक्षता संस्थान के अध्यक्ष श्री सुभाष चन्द्र मुनका तथा संचालन साहित्य समिति की मार्गदर्शिका श्रीमती नीलिमा पाण्डेय ने की । इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य संस्थान के मानद महासचिव श्री प्रसेनजित तिवारी एवं धन्यवाद ज्ञापन समिति के सचिव डाॅ० अजय कुमार ओझा द्वारा किया गया । कार्यक्रम का आरंभ श्रीमती शकुन्तला शर्मा के सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय ” हरिऔध “के चित्र पर पुष्पार्पण किया गया । तत्पश्चात् इनका विस्तृत साहित्यिक परिचय श्री दिव्येन्दु त्रिपाठी ने प्रस्तुत किया ।
इसके बाद कथा मंजरी के इस मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल १० कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त श्री सुभाष चन्द्र मुनका ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान की । जो इस प्रकार है —
क्रम कथाकार कहानी का शीर्षक
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१) श्रीमती वीणा कुमारी नंदिनी सुबह का भूला लौटा
२) श्रीमती चंदा कुमारी साइकिल की चाह
३) श्री ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र दुग्धपान
४) श्रीमती अनिता निधि आँखों के किनारे ठहरा आँसू ५) श्री शीतल प्रसाद दूबे मणि महेश
६) श्री कन्हैया लाल अग्रवाल सच्ची लगन का फल
७) श्रीमती माधवी उपाध्याय पागल
८) श्रीमती नीता सागर चौधरी धोखा
९) श्रीमती शकुन्तला शर्मा ए टी एम
१०) श्री भंजदेव देवेन्द्र कुमार ‘व्यथित’ अनाहूत