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अभिलेष के खिलाफ राज्यपाल सहित मुख्य सचिव और पथ निर्माण विभाग,ग्रामीण कार्य विभाग,निगरानी विभाग को शिकायत दर्ज कराई गई है

ग्रामीण कार्य विभाग के कनीय अभियंता अभिलेष का नौकरी में दिए गए डोमिसाइल सर्टिफिकेट की हो सकती है जांच?

जांच एजेंसी गठित होते ही तीन साल में कमिशन वसुली का आकलन किए जाने की भी चर्चा

अभिलेष की फोन डिटेल, वाट्स अप चैट को भी खंगाला जायेगा

संतोष वर्मा

चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम जिले के ग्रामीण कार्य विभाग में पदस्थापित कनिय अभियंता अभिलेष के उपर लगे सभी आरोपों की जांच के लिए जांच कमेटी गठन किए जाने का मामला प्रकाश में आया है।यदी सूत्रों के अनुसार ग्रामीण कार्य विभाग के चाईबासा डिवीजियन के अभिलेष कुमार के द्वारा नौकरी में दिए गए डोमिसाइल सर्टिफिकेट की जांच की मांग। अभिलेष की नौकरी में दिए गए सभी दस्तावेज की जांच होगी। अभिलेष विभाग के द्वारा विभाग को उपलब्ध कराई गई सम्पत्ति का बियौरा को विगत तीन साल में अर्जित की गई चल अचल सम्पत्ति से जोड़ कर देखा जायेगा। अभिलेष की फोन डिटेल, वाट्स अप चैट को भी खंगाला जायेगा। संवेदकों से बात की ऑडियो रिकॉर्डिंग भी खोला जा सकता है।दो करोड़ की कमिशन वसुली का मामला अब केंद्रीय एजेंसी तक पहुंच सकता है।डिवीजन का सबसे चर्चित और तकनीकी रूप से जानकारी होने का तमगा हासिल है। पुलिस महकमा से जिस तरह किरिमिनल डरते हैं उसी तरह अभिलेष से संवेदक डरते हैं। सूत्र बताते हैं कि जगन्नाथूर प्रशाखा के अधीन तीन साल में हुए संवेदक के विपत्र की जांच भी हो सकती है।सूत्रों की माने तो संवेदकों के बिल बनाने में प्रताड़ित किए जाने का मामला भी सामने आया है,डीएमएफटी की योजनाओं से संबंधित संवेदक की स्टिंग ऑपरेशन का भी खुलासा किया जाएगा। गौरतलब है कि अभिलेष के खिलाफ राज्यपाल सहित मुख्य सचिव और पथ निर्माण विभाग,ग्रामीण कार्य विभाग,निगरानी विभाग को शिकायत दर्ज कराई गई है।सूत्रों के अनुसार संवेदकों का स्टिंग ऑपरेशन से कमिशन का राज खुलेगा। विभाग को दिए गए सम्पत्ति की मिलान वर्तमान चल अचल सम्पत्ति से की जाने की चर्चा। नौकरी में दिए गए सभी दस्तावेज की जांच की जाने की सूचना।जांच एजेंसी गठित होते ही तीन साल में कमिशन वसुली का आकलन किए जाने की भी चर्चा।

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