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अभाकाम संस्था द्वारा मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान समारोह आयोजित

जयपुर। अभाकाम संस्था के बैनर तले इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान के ऑडिटोरियम में तीसरा राष्ट्र स्तरीय मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान समारोह 2024 का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ आर के सिन्हा, विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि जी महाराज व कार्यक्रम के अध्यक्ष अभाकाम संस्था के प्रदेश अध्यक्ष श्री अजीत सक्सेना व कार्यक्रम के संयोजक अरुण सक्सेना थे।
मुख्य अतिथि डॉ आर के सिन्हा ने प्रतियोगी साहित्यकारों को संबोधित करते हुए कहा कि साहित्य की दुनिया में मुंशी प्रेमचंद जी का योगदान अमूल्य है। खासकर हिंदी की कहानी व उपन्यास के क्षेत्र में प्रेमचंद जी के बिना सब कुछ अधूरा है। उन्होंने कहा कि प्रेमचंदजी मूलतः उर्दू के लेखक,कहानीकार और उपन्यासकार थे। जिन्हें हिंदी साहित्य के आचार्य शिवपूजन सहाय ने तराशकर हीरा बनाया।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि अखिल भारतीय हिंदू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि महाराज ने कहा कि साहित्य है तो संस्कृति है और संस्कृति है तो समाज है।

कार्यक्रम के संयोजक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जयपुर के अध्यक्ष अरुण सक्सेना ने आए हुए अतिथियों व साहित्यकारों का स्वागत करते हुए कहा मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान प्रतियोगिता सन 2022 में शुरू की गई थी उसे वर्ष 46 साहित्यकारों को 69000 रुपये के पुरस्कार दिये गये थे। वर्ष 2023 में 103 साहित्यकार व पुरस्कार राशि 92,000 रुपए थी। यह इसका तीसरा संस्करण है और इस वर्ष संपूर्ण देश से 152 साहित्यकारों ने भाग लिया है और पुरस्कार राशि 1 लाख 23 हजार रुपए है। प्रतियोगिता 5 वर्गों में आयोजित की गई। जिसमें प्रत्येक वर्ग के लिए प्रथम पुरस्कार 11,101 रुपये द्वितीय पुरस्कार 7,100 रुपए व तृतीय पुरस्कार 5,101 रुपए का दिया गया । इनके अलावा 35 विशिष्ट सम्मान व 84 सांत्वना पुरस्कार भी साहित्यकारों को दिए गए। लेखिका प्रेरणा बुड़ाकोटी को मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान 2024 से सम्मानित किया गया।
अभाकाम संस्था के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सक्सेना ने अपने संबोधन में कहा की अभाकाम संस्था साहित्य,शिक्षा,स्वास्थ्य व खेलकूद आदि क्षेत्रों में सर्व समाज के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि संस्था का 2021 में गठन किया गया था और इस वर्ष संस्था को नीति आयोग, सी एस आर, इ-अनुदान, एम एस एम ई व भारत सरकार के आयकर अधिनियम 80G के अंतर्गत छूट का प्रमाण पत्र भी मिल गया है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में शिक्षक भामाशाहों श्रीमती कृष्णा सक्सेना, श्रीमती मंजू सक्सेना, डॉक्टर अंजु सक्सेना शोभा सक्सेना व ज्ञानवती सक्सेना को भामाशाह शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया। उन्होंने पिछले वर्ष संस्था द्वारा विभिन्न हॉस्पिटल्स के साथ कि गई स्वास्थ्य परिचर्चाओं, विभिन्न खेलकूद गतिविधियों व बच्चों की स्कूली शिक्षा में दिए गए योगदान के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि अब प्रत्येक वर्ष मुंशी प्रेमचंद साहित्य रत्न सम्मान अभाकाम संस्था द्वारा किया जायेगा।
कार्यक्रम के सहसंयोजक अखिल भारतीय कायस्थ महासभा जयपुर के जिला महामंत्री रवि माथुर ने बताया कि कार्यक्रम भामाशाहों के सहयोग से किया जाता है। कार्यक्रम में प्रमुख भामाशाह अजीत सक्सेना, रतन सक्सेना, शिहाने राधे गोविंद माथुर, एसके श्रीवास्तव व संदीप सक्सेना को भामाशाह रतन से तथा डी पी सक्सेना, अवध बिहारी माथुर, शोभा सक्सेना, धर्मेंद्र जौहरी, अनिल माथुर, छैल बिहारी माथुर सुनील श्रीवास्तव, आरके सक्सेना, हरिओम प्रधान व सुभाष सक्सेना आदि को भामाशाह सम्मान से सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में साहित्यकारों के लिए स्वास्थ्य परिचर्चा नारायणा हृदालय, प्रताप नगर जयपुर के डॉक्टर अंकित माथुर व डॉक्टर वैभव माथुर द्वारा आयोजित की गई। इसमें न्यूरो से संबंधित रोग व उनसे बचाव व सही इलाज के बारे में बताया गया। परिचर्चा के बाद अभाकाम संस्था द्वारा डॉक्टर व हॉस्पिटल के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में जयपुर में साहित्य के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारी को मंच पर बुलाकर विशिष्ट सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में आइसीआइसीआइ बैंक, ज्वेल इंडिया शाखा द्वारा एक श्रेणी के पुरस्कार प्रायोजित किए गए। कार्यक्रम का सफल संचालन श्रीमती सीमा वालिया माथुर के द्वारा बेहद मनोरंजन तरीके से किया गया। कार्यक्रम में Eating संस्था के सदस्य मधुप सक्सेना, शशांक मथुर, डॉ अंजू सक्सेना, संकेत श्रीवास्तव, ज्ञानवती सक्सेना व स्तुति सक्सेनाभी उपस्थित रहे।

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