अनिल अग्रवाल की वेदांता रिसोर्सेज ने बांडधारकों को पुनर्भुगतान पूरा किया
जमशेदपुर। धातु और खनन क्षेत्र की दिग्गज कंपनी वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (वीआरएल) ने अपने बॉण्डधारकों को 779 मिलियन अमेरिकी डॉलर का अग्रिम भुगतान किया है और ऋण पुनर्गठन की प्रक्रिया के तहत पुनर्भुगतान पूरा कर लिया है। यह जानकारी वेदांता समूह की होल्डिंग कंपनी अरबपति अनिल अग्रवाल की वेदांता रिसोर्सेज लिमिटेड (वीआरएल) ने एक प्रेस विज्ञाप्ति जारी कर दी।
वीआरएल ने विगत सात फरवरी, 2024 को अपने बॉण्डधारकों को पुनर्भुगतान पूरा कर लिया, जो उस वर्ष की शुरुआत में प्राप्त सहमति के अनुरूप था, जिसमें बांड में 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर की परिपक्वता अवधि को सफलतापूर्वक 2029 तक बढ़ा दिया गया था। वेदांता रिसोर्सेज ने बॉण्डधारकों को बांड के एक हिस्से को भुनाने और उनकी परिपक्वता अवधि बढ़ाने के लिए 779 मिलियन अमेरिकी डॉलर का नकद अग्रिम भुगतान सफलतापूर्वक किया है। इसने उन बॉण्डधारकों को 68 मिलियन अमेरिकी डालर की सहमति शुल्क का भी भुगतान किया है, जो पुनर्गठन के लिए सहमत हुए थे, कंपनी ने पूर्व में कहा था। जनवरी में वेदांता को अपने भारी कर्ज के बोझ को कम करने के लिए बॉण्ड की चार सीरीज के पुनर्गठन के लिए बॉण्डधारकों से सहमति प्राप्त हुई। बॉण्ड की इन सीरीज में प्रत्येक 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के दो बॉण्ड शामिल हैं, जिनकी मैच्योरिटी 2024 में ड्यू थी। साथ ही, इनमें 2025 में 1.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का एक बॉण्ड और 2026 में 600 मिलियन अमेरिकी डालर का एक बॉण्ड शामिल था।दिसंबर में वीआरएल ने 2024 और 2025 में मैच्योर होने वाले 3.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर के ऋण के हिस्से को पुनर्वित्त/चुकाने के लिए निजी क्रेडिट उधारदाताओं से 1.25 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण प्राप्त किया था। वेदांता समूह ने पिछले साल सितंबर में एक महत्वपूर्ण डीमर्जर और पुनर्गठन योजना की घोषणा की थी। बयान में कहा गया है कि इस कदम के बाद वेदांता समूह 17 प्रमुख व्यवसायों में पुनर्गठित हो जाएगा।