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कुमारडुंगी के छोटारायकमन में माघे पर्व के दियुरीयों को पान तांती समाज ने वस्त्र देकर किया सम्मानित

चाईबासा।-: कोल्हान की रुढ़िवादी परम्परा को कायम रखने के लिए बुधवार के दिन कुमारडुंगी प्रखंड अंतर्गत छोटारायकमन गांव में आदिवासी समाज एवं पान तांती समाज के लोगों ने बैठक किया। बैठक में पुर्वजों से चली आ रही रुढ़िवादी परम्पराओं को लेकर चर्चा किया गया। इसमें यह भी चर्चा किया गया कि माघे पर्व में पुजा पाठ करने वाले दियुरी जनों को पान तांती समाज के लोगों द्वारा नया वस्त्र देकर माघे पर्व के पुजा को सम्पन्न करवाया जाता था। इस पुरानी परंपरा को पुनः बनाऐ रखने के लिए बुधवार के दिन पान-तांती समाज छोटारायकमन ने माघे पर्व होने के दो दिन पहले पुजा में शामिल मुख्य दियुरी एवं 15 सहयोगी दियुरीयों को नया वस्त्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान दियुरी घनश्याम हेम्ब्रम ने बताया कि आदिवासी समुदाय की चर्चित पर्व माघे पर्व का आयोजन काफी पौराणिक है। इस पर्व के आयोजन को लेकर समुदाय ने कई रीति नियम बनाए हैं। इन्हीं रीति नियमों में से एक नियम यह भी है कि माघे पर्व में पुजा के दौरान पान-तांती समाज के लोगों द्वारा बनाई गई वस्त्र को धारण कर ही पुजा किया जाना है। ऐसा नही करने पर माघे पर्व की पुजा पुर्ण नहीं होगी। बैठक में शामिल तेज नारायण दास ने बताया कि दियुरीयों को वस्त्र देने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। इस परम्परा के कारण गांव में होने वाली माघे पर्व में सभी समुदाय के लोग खुलकर शामिल होते हैं। इससे गांव में शांति एवं मिलनसार रुप से माघे पर्व वर्षों से चलती आ रही है। इस मौके पर पोलित नारायण पान, नारायण पान, गोवर्धन दास, लक्ष्मण दास, नैतिक दास व अन्य उपस्थित थे।

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