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जमशेदपुर मे पवित्र छठ पर्व का आयोजन व्यवस्था के संबंध में भाजमो ने उपायुक्त को मांग पत्र सौंपा

जमशेदपुर में पावन पर्व छठ का आयोजन प्रत्येक वर्ष असीम आस्था के साथ होता है. खरकई एवं स्वर्णरेखा के करीब 10 किलोमीटर की लम्बाई में हजारों की संख्या में व्रती छठ पर्व पर भगवान सूर्य को संध्याकालीन एवं प्रातःकालीन अर्घ्य अर्पित करते हैं. इसके अलावा विभिन्न मुहल्लों के छोटे बड़े अनेक तालाबों पर भी अर्घ्य समर्पण श्रद्धालु करते हैं. इन सभी स्थानों पर छठ घाट की स्वच्छता की व्यवस्था स्वतःस्फूर्त स्थानीय स्वयंसेवकों और श्रद्धालुओं का समूह अपने हाथ में ले लेता है जिसमें जिला प्रशासन और जेएनएसी का महती योगदान रहता है. दुर्गापूजा के विसर्जन के बाद से ही जिला प्रशासन, जेएनएसी एवं सरकार के संबंधित विभागों के अधिकारी इस पुनीत कार्य में लग जाते हैं. जनता की जरूरतों और शिकायतों के अनुसार छठ घाटों पर स्वच्छता, सुरक्षा, रोशनी, क़ानून व्यवस्था का अधिकतम दायित्व ये निभाते हैं.

इसी तरह सिदगोडा के सोन मंडप-चिल्ड्रन पार्क- मंदिर परिसर में भी तीन तालाब बने हुए हैं. ये सभी तालाब सरकारी खर्च से बने हैं और जिस जमीन पर बने हैं वह जमीन सरकारी है. इस परिसर में मुख्यतः सिदगोडा, एग्रीको, सूतीरामडेरा, बारीडीह, बागुनहातु, बागुन नगर आदि इलाक़ों के छठ व्रती अर्घ्यार्पण के लिए आते हैं. परंतु बिडम्बना है कि इस परिसर की छठ व्रत व्यवस्था पर तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के नाम पर एक राजनीतिक समूह जबरन अधिकार जमाने की चेष्टा करते रहता है. यदि कोई स्थानीय स्वयंसेवी समूह या श्रद्धालु समूह परिसर में छठ व्रत की व्यवस्था में योगदान करने के लिए आगे आता है तो सूर्य मंदिर समिति नामधारी समूह के लोग जिनमें स्थानीय मुहल्लों के नगण्य और जमशेदपुर के अन्य इलाक़ों के लोग शामिल हैं, उन्हें व्रत स्थल पर फटकने नहीं देते हैं, उनके साथ मारपीट करते हैं. गत वर्ष भी उन्होंने ऐसा ही किया था.

इतना ही नहीं इस परिसर में अपनी फूहड़ गतिविधियों से यह समूह छठ पर्व की आस्था पर भी चोट करता है. पवित्र छठ व्रत के संध्याकालीन अर्घ्य के बाद यह समूह भौंडे, अश्लील एवं फूहड़ फिल्मी गीतों की महफिल सजाता है जिसमें भड़काऊ पोशाक पहन कर रंग बिरंगे प्रकाश संयोजन के साथ ऐसे अश्लील गीतों की महफिल रात भर सजती है जिनका उल्लेख यहाँ करना शालीनता के प्रतिकूल प्रतीत होता है. इन अश्लील गीतों के मुखड़े समाचार पत्रों में छपते हैं. ऐसे कार्यक्रमों में गायिकाओं के उत्तेजक इशारों पर दर्शक सीटी बजाते हैं. एकाध बार तो कुर्सियाँ फेंकी गई हैं. नियंत्रण पाने के लिए प्रशासन को बल प्रयोग करना पड़ता है. गत वर्ष भी इस समूह ने जिस गायिका को इस अवसर पर बुलाया था वह गायिका ऐसे अश्लील गीत गाने के लिए जानी जाती है जिसके मुखड़ा का यहाँ उल्लेख नहीं किया जा सकता. ऐसे कार्यक्रमों के विडियो यू- ट्यूब एवं अन्य चैनलों पर देखे जा सकते है.

पवित्र छठ पर्व की संध्या मे ऐसे अश्लील गीतों के गायन का गत वर्ष भारी विरोध हुआ, जिसकी प्रतिक्रिया में इनलेगों नें मारपीट की. जिला प्रशासन ने इसका संज्ञान लिया और स्पष्ट निर्देश दिया कि गीत संगीत के ऐसे अश्लील कार्यक्रम यहाँ आयोजित नहीं होंगे. यदि कोई संगीत कार्यक्रम आयोजित होंगा तो इसमें केवल भजन गाए जाएँगे और कार्यक्रम रात्रि 10 बजे के पहले समाप्त हो जाएँगे. जिला प्रशासन ने न केवल निर्देश दिया बल्कि इसे लागू कराया, इसकी रिकार्डिंग कराया. नतीजा हुआ कि गत 10-15 वर्ष बाद पहली बार गत वर्ष अश्लील गायन का कार्यक्रम इस परिसर में रूका, नहीं हुआ.

इस वर्ष पुनः तथाकथित सूर्य मंदिर समिति के नाम पर एक समूह छठ व्रत आयोजन पर एकाधिकार करने हेतु सक्रिय हो गया है. इस समिति में भाँति भाँति के लोग हैं. इसमें स्थानीय मुहल्लों के लोग कम और दूर दराज के इलाक़ों के अधिक लोग शामिल हैं.

यहाँ यह उल्लेख अप्रासंगिक नहीं होगा कि वर्ष 2021 में एनजीओ के रूप में यह सूर्य मंदिर समिति गठित हुई और सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकृत हुई. समिति गठन का दो वर्ष भी नहीं बीता कि इसकी नियम विरूद्ध गतिविधियां आरम्भ हो गईं. इसके कारण उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम ने दिसंबर 2022 में इस समिति का पंजीकरण रद्द करने के लिए संस्थाओं के निबंधन महानिरीक्षक को लिखा और कहा कि सूर्य मंदिर समिति का पंजीयन रद्द किया जाए. निबंधन महानिरीक्षक ने सूर्य मंदिर समिति के प्रबंधकों से स्पष्टीकरण माँगा. स्पष्टीकरण से संतुष्ट नहीं होकर निबंधन महानिरीक्षक ने सूर्य मंदिर समिति की नियम विरूद्ध गतिविधियों की जाँच करने के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति गठित किया है जिसमें उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम को भी उनका एक प्रतिनिधि के भी नामित करने के लिए कहा है. ऐसी स्थिति में इस तथाकथित सूर्य मंदिर समिति को इस परिसर मे छठ पर्व की व्यवस्था पर क़ब्जा करने और एकाधिकार जमाने की अनुमति देना कत्तई उचित नहीं है. यह समिति शंख मैदान सहित इस परिसर में बने तीन तालाबों एवं चिल्ड्रन पार्क पर स्थायी क़ब्जा करने का इरादा रखती है और इन स्थलों को सूर्य मंदिर प्रांगण का हिस्सा घोषित करती है जबकि स्वयं सूर्य मंदिर सरकारी भूमि पर बना है और इसके निर्माण का बड़ा हिस्सा भी सरकारी खर्च पर बना है.

आपसे नम्र निवेदन है कि जिस प्रकार नदी तटों तथा मुहल्लों के छठ घाटों की स्वच्छता, मरम्मत, रंग-रोगन, प्रकाश व्यवस्था, क़ानून व्यवस्था का कार्य जिला प्रशासन और जेएनएसी द्वारा की जा रही है उसी प्रकार इस परिसर में निर्मित तीन छठ घाटोंकी व्यवस्था भी जिला प्रशासन द्वारा सम्हाला जाए और समीपवर्ती मुहल्लों के स्वयंसेवियों को इस परिसर में छठ व्रत की व्यवस्था में लगाना सुनिश्चित किया जाय। साथ ही किसी भी हालत में इस परिसर में अश्लील गीतों की महफिल नहीं सजने देना सुनिश्चित करने की कृपा की।

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