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स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा जैसे योजना की स्वीकृति नहीं दिया जाना दुर्भाग्य की बात हैः विधायक सोनाराम सिंकु

अपने ही मंत्री अपने विधायक का बात नहीं सुनते है तो क्यों ना हो नाराजगी विधायकों का

मामला जगन्नाथपुर प्रखंड में बन रहे झारखंड का पहला आयुर्वेदिक अस्पताल भवन निर्माण का

संतोष वर्मा
चाईबासा । राज्य में आखिर क्यों ना हो गठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस के विधायकगण। जब कांग्रेस कोटे से बने मंत्री अपने ही विधायकयों की बात ना सुने तो किया होगा।एक ऐसा ही मामला देखने को मिला है । राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बनना गुप्ता ने विधायक सोना राम सिंकु के द्वारा आयुर्वेदिक कॉलेज भवन के अधूरे कार्य को पुरा कराने से संबंधित प्रस्ताव की प्रशासनिक स्वीकृति नहीं दी। जब की बनना गुप्ता और सोना राम सिंकु कांग्रेस पार्टी के ही विधायक हैं। गौर तलब है कि डेढ़ दसक से लम्बित योजनाओं को पुरा कराने का प्रयास विगत चार साल से कर रहें हैं।उक्त योजना ग्रामीण कार्य विभाग के कार्य प्रमंडल चाईबासा से विभागीय रूप से के कराया जा रहा था,लेकिन विभाग के द्वारा फंड नहीं दिए जाने से भवन का कार्य अधुरा रह गया।विधायक के अथक प्रयास के बाद जिला के DMFT फंड से उक्त भवन का अधूरा कार्य को पुरा कराने का प्रस्ताव प्रबंधकीय समिति से पारित किया गया,विभाग से एनओसी भी दिया गया।लेकिन जब उक्त अधुरे भवन को पुरा करने का प्राक्कलन यानी डीपीआर प्रशासनिक स्वीकृति के लिए भेजा गया तो एक साल से विभाग मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया है।ऐसा लगता है की मंत्री को इस अति महत्वपूर्ण योजना से कोई मतलब नहीं है।या यूं कहा जा सकता है कि सोना विधायक का प्रयास को सफल होने नहीं देना चाहते हैं। विभाग के द्वारा अधूरे भवन का बाउंड्री वॉल की स्वीकृति दे दी गई है,लेकिन भवन की स्वीकृति को लटका का रखा गया है।
विडंबना यह है कि अधुरे भवन को पुरा करने के लिए विभाग कोई ध्यान नहीं दे रही है,वही उसी जगह दो नए भवन बना दिया गया है।

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