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पेड़ पौधे हमारे लिए कितना अनिवार्य है यह प्रचंड गर्मी ने बताया : लक्ष्मी सिन्हा

बिहार पटना: राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के प्रदेश संगठन सचिव सह प्रदेश मीडिया प्रभारी लक्ष्मी सिन्हा ने अपने घर के छत पर अपने बच्चों के साथ फूल के विभिन्न प्रकार के पेड़ों-पौधे रोपण किया। इस अवसर पर श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने कहा कि गर्मी पहले भी पड़ती थी लेकिन तब पेड़-पौधे और ताल-तलैया राहत देते थे। हमने उन्हें समाप्त किया तो अब भुगत रहे हैं। अभी नहीं चेते तो विनाश तो है। आज प्रचंड गर्मी से लोग बेहाल हैं। या सब ग्लोबल वार्मिग, जलवायु परिवर्तन एवं परिस्थितिक असंतुलन का फल है। पूरे देश में लू के कारण लोग असमय मारे जा रहे हैं। जल के प्राकृतिक स्रोत नदी,तलाब,पोखरा,कुएं इत्यादि सुख रहे हैं। भूगर्भ जलस्तर घट रहे हैं। स्वच्छ पानी के लिए हाहाकार मचा है। ग्लोबल वार्मिंग के कारण समुद्र का जल स्तर बढ़ रहा है। समुद्र के किनारे वाले शहरों के अस्तित्व पर खतरा बन आया है। यहां सब कुछ एकाएक नहीं हुआ है। इसके लिए हम और आप कहीं ना कहीं जिम्मेवार हैं हमने अपनी भौतिक आवश्यकताओं एवं सुख सुविधाओं की पूर्ति के लिए वनों की अंधाधुंध कटाई की। श्रीमती सिन्हा ने कहा कि पेड़, पौधे पहाड़ को काटकर आलीशान घर, होटल, रिसार्ट इत्यादि बनाएं। फलस्वरूप बहुत से जीव,जंतु, वनस्पति विलुप्त हो गए और कई विलुप्त होने की कगार पर हैं। बढ़ती हुई जनसंख्या एवं परिस्थितिक असंतुलन के कारण ओजोन लेयर का छिद्र बढ़ता गया। परिणाम ग्लोबल वार्मिंग का खतरा बढ़ गया है। श्रीमती लक्ष्मी सिन्हा ने आगे कहा कि आज ग्लेशियर पिघल रहे हैं। भविष्य में आर्कटिक का साला ग्लेशियर पिघल जाएगा, तब सोचिए क्या होगा। अगर हम समय रहते अभी भी नहीं चेते तो हमारे वर्तमान और भविष्य अनिश्चित ही है। हमें प्रकृति संरक्षण की शपथ लेकर उस पर अक्षरशः अनुकरण भी करनी होगी, तभी हम और हमारा भविष्य सुरक्षित रह सकेगी अन्यथा आने वाले समय में और भी विकट स्थिति की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

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