सेरंगसिया घाटी कोल विद्रोह के शहीदों को शत शत नमन : विजय गोंड
जमशेदपुर। भाजपा नेता विजय गोंड ने सेरंगसिया घाटी स्थित शहीद स्थल पर जाकर कोल विद्रोह में शहीद हुए महानायकों को श्रद्धांजलि अर्पित की और उनको नमन किया ज्ञात हो की सन 1831-32 ईस्वी मे अंग्रेजो के खिलाफ। कोल जनजाति के द्वारा विद्रोह का बिगुल फूंका गया जिसका नाम कोल विद्रोह रखा गया। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारत का सबसे बड़ा और पहला विद्रोह था। हमें अपने पूर्वजों पर बहुत ही गर्व की अनुभूति होती है कि उन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ विद्रोह किया और डटकर मुकाबला किया इस विद्रोह में हमारे कई महानायकों अपने प्राण की आहुति दी। इसमें सैकड़ों की संख्या में हमारे महानायकों ने अपनी जान की आहुति दी और अंग्रेजों के छक्के छुड़ाए। हमारे इतिहासकार ने इस विद्रोह का नाम कोल विद्रोह दिया। 2 फरवरी 1831 को इस विद्रोह की शुरुआत हुई थी आज सेरंगसिया घाटी स्थित शहीद स्थल पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की । भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पश्चिमी सिंहभूम प्रभारी विजय गोंड, पूर्व विधायक पुष्कर हेंब्रम/पूर्व विधायक जवाहरलाल बांनरा/जिला अध्यक्ष पश्चिमी सिंहभूम विपिन पूर्ति/महिला मोर्चा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य मालती गिलुवा/सरायकेला खरसावां जिला मंत्री जनजाति मोर्चा शंकर सामंत/जिला महामंत्री जगदीश पट पिंगुआ/प्रताप कटिहार आदि मौजूद थे।