सुरक्षित माहौल बनाकर ही महिला हिंसा को खत्म किया जा सकता है : वर्णाली
विकलांगता पर युवा की कार्यशाला
जमशेदपुर। सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फार वोलंटरी एक्शन (युवा) के तत्वावधान में 10th माइल रिसार्ट में विकलांगता अधिकार अधिनियम 2016 एवं पैरवी पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए युवा संस्था की सचिव वणार्ली चक्रवर्ती ने महिला हिंसा पर अपना मंतव्य दिया एवं उन्होंने बताया कि घर में महिलाओं पर प्रेशर से काम करवाना, उनकी पसंद की चीजों में रुकावट देना,मारपीट करना एवं अन्य तरीकों से प्रताड़ित करना भी महिला हिंसा है। हिंसा का कोई पैमाना नहीं है ,हिंसा के स्तर को पहचानने की जरूरत है सारी जिम्मेदारी महिलाओं के ऊपर रखकर हम अपने दायित्व से नहीं हट सकते हैं लड़कियों महिलाओं विकलांग महिलाओं के लिए अपनी बातों को रखने के लिए सुरक्षित माहौल बनाने की जरूरत है। इसके लिए सभी जनप्रतिनिधियों को आगे आने की जरूरत है ताकि महिला हिंसा को खत्म किया जा सके |
रिसोर्स पर्सन अरुण कुमार सिंह ने मानवाधिकार के संबंध में विकलांग महिलाओं की मानवाधिकार पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला ।उन्होंने बताया कि शिक्षा का अधिकार, सांस्कृतिक अधिकार, रोजगार का अधिकार इस प्रकार अन्य अधिकारों से विकलांग महिला आज भी वंचित है और इसके लिए सभी जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं को संवेदनशील होने की आवश्यकता है |
इस अवसर पर रिसोर्स पर्सन नरेंद्र सिंह ने विकलांग को मिलने वाले विभिन्न योजनाओं के बारे में बतलाया की योजना का लाभ लेने के लिए विकलागता प्रमाण पत्र होना आवश्यक है एवं उसकी प्रतिशत कम से कम 40 या उससे ऊपर होना अनिवार्य है तभी योजनाओं का लाभ लिया जा सकता है जैसे स्वामी विवेकानंद निशक्त स्वालंबन प्रोत्साहन योजना के अंतर्गत प्रतिमाह 1000 रुपये मिलने का प्रावधान, विद्यालय में अध्यनरत वर्ग 1 से 8 तक ₹50 प्रतिमाह वर्ग नवम से स्नातक तक ₹250 प्रतिमाह एवं उच्चतर शिक्षा के लिए ₹260 प्रतिमाह की दर से छात्रवृत्ति का भुगतान किया जाना, विद्यालय लाने ले जाने में गंभीर दिव्यांग बच्चों को सहयोग करने वाले सहयोगी को एस्कॉर्ट भत्ता के रूप में प्रतिमाह ₹500 देने की प्रावधान, दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ने में सहयोग करने वाले सहयोगी को 3500 रुपया सालाना रीडर अलाउंस की व्यवस्था, रेलवे कंसेशन सर्टिफिकेट डिसेबिलिटी यूनिक कार्ड, सहित सारी योजनाओं को प्राप्त करने हेतु सरकारी मापदंड एवं प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्रदान किया गया |
इस मौके पर रिसोर्स पर्सन डॉ विजय शंकर ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर चर्चा करते हुए बताया कि सभी पंचायत भवन में विकलांग जनों को मिलने वाले योजनाओं का सूचना पट होना आवश्यक है पंचायत भवन में सुगम शौचालय के साथ-साथ रैंप रेलिंग आदि की आवश्यकता है ताकि हर व्यक्ति का बहुत आसानी से पंचायत भवन तक हो सके एवं विकलांग जनों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाना सुनिश्चित किया जा सके उन्होंने यह भी कहा कि प्रत्येक पंचायत में कोई भी विकलांग बच्चा अनामांकित नहीं रहे, कोई भी विकलांग व्यक्ति पेंशन से वंचित ना रहे, विकलांगता प्रमाण पत्र सबके पास हो इसकी सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी सभी प्रतिनिधियों को है ।
कार्यशाला में उपस्थित पोटका प्रखंड के पंचायती राज्य के पंचायत प्रतिनिधि , स्वास्थ्य सेवा प्रदाता, युवा महिला लीडर एवं विकलांग साथी एवं सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को युवा संस्था के समन्वयक अंजना देवगम द्वारा धन्यवाद ज्ञापन कर कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की गई |