FeaturedNational

सुप्रीम कोर्ट ने अमेज़न और फ्लिपकार्ट की याचिका खारिज की- व्यापारियों के लिए बेहद अहम् दिन : सुरेश सोंथालिया

जमशेदपुर। व्यापार दिवस के अवसर पर “देश के व्यापारिक समुदाय के लिए एक बेहद अहम् और खुशी का दिन है ! उच्चतम न्यायलाय द्वारा अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट की ई कॉमर्स व्यापार में कुप्रथाओं और देश के क़ानून एवं नियमों के खिलाफ 2 साल से अधिक के हमारे अथक संघर्ष का परिणाम है और भारत के व्यापारी देश में मुक्त, निष्पक्ष और तटस्थ ई-कॉमर्स वातावरण सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं-यह कहते हुए “- कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव श्री सुरेश सोन्थालिया ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा की हम केंद्रीय वाणिज्य मंत्री श्री पीयूष गोयल का भी आभार व्यक्त करते हैं, जिन्होंने अनेक बार केंद्र सरकार के स्पष्ट रुख की भारत में कानून के उल्लंघन की अनुमति नहीं दी जाएगी को विभिन्न मंचो पर लगातार रेखांकित किया है !

श्री खंडेलवाल और श्री सोन्थालिया ने कहा कि शीर्ष अदालत द्वारा अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों की याचिका को खारिज करने के साथ अब सीसीआई के लिए अमेज़ॅन और फ्लिपकार्ट दोनों के व्यापार मॉड्यूल की जांच करने का मार्ग प्रशस्त हुआ है वो भी इस तथ्य के बावजूद कि सर्वोच्च न्यायालय ने दोनों ई-कॉमर्स कंपनियों को सीसीआई द्वारा भेजे गए प्रश्नावली का जवाब दाखिल करने के लिए 4 सप्ताह का समय दिया है ! प्रश्नावली किसी भी जांच के आड़े नहीं आती है, ऐसा हमारा मत है !

कैट ने केंद्रीय वाणिज्य और उपभोक्ता मामलों के मंत्री श्री पीयूष गोयल से उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत ई-कॉमर्स नियमों को तुरंत लागू करने का आग्रह किया ताकि किसी भी ई कॉमर्स कामोनी चाहे विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनी हो अथवा स्वदेशी ई-कॉमर्स कंपनी, किसी को भी ई कॉमर्स व्यापार में मनचाही हेरफेर करने या अपना प्रभुत्व जमाने का कोई मौका न मिल सके ! उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन से भी आग्रह किया है प्रवर्तन निदेशालय को फ्लिपकार्ट की तरह मेज़ॅन को भी नोटिस देने का निर्देश दिया जाए क्योंकि समान शिकायतें अमेज़न एवं फ्लिपकार्ट के खिलाफ की गई हैं ! अमेज़न के खिलाफ कैट की शिकायत पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय के पास लंबित है।

Related Articles

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker