सरहुल महापर्व पर सीतारामडेरा से निकलेगा शोभा यात्रा, झारखंडी एकता की दिखेगी मिसाल

जमशेदपुर।।प्रकृति का महापर्व सरहुल पूजा के उपलक्ष्य में केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति, पूर्वी सिंहभूम द्वारा 4 अप्रैल को शोभा यात्रा का आयोजन किया जाएगा, जिसमें झारखंडी एकता ,सभ्यता एवं संस्कृति का परिचय देखने को मिलेगा। इस शोभायात्रा में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं मूलनिवासी समुदाय के महिला-पुरूष, बच्चे-बच्चियाँ, एवं बुद्धिजीवी अपने पारम्परिक परिधान एवं वाद्य यंत्रों के साथ शामिल होंगें। शोभायात्रा दोपहर 3.30 बजे उराँव बस्ती पुराना सीतारामडेरा से प्रारम्भ होकर लाको बोदरा चौक , एग्रिको लाइट सिग्नल ,भालूबासा,कुम्हार पाड़ा , काशीडीह होते हुए पुनः सीतारामडेरा में आकर समाप्त होगी। कोरोना के कारण 2 वर्षो शोभायात्रा का आयोजन नही हो पाया था लेकिन इस वर्ष लोगो मे काफी उत्साह है सभी सरना स्थलों का रंगरोहन किया जा चुका है एवं विधुत सज्जा भी की जा चुकी है। सभी सरना स्थलों में सुबह 7 बजे से पाहन द्वारा पूजा आरम्भ हो जाएगा जो दोपहर 2 बजे तक चलेगा। शोभायात्रा से पूर्व केन्द्रीय सरहुल पूजा समिति द्वारा जमशेदपुर के समाजसेवी, विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि एवं सभी समाज के प्रतिनिधियों का आदिवासी परम्परा के अनुसार स्वागत एवं सम्मान किया जाएगा, जिसके उपरांत शोभायात्रा प्रारम्भ होगी।
समिति ने सरकार एवं जिला प्रशासन द्वारा निर्गत गाइडलाइन एवं दिशा निर्देश का पालन करते हुए शोभायात्रा को निकालने का निर्णय लिया है समिति ने लोगो से मास्क पहनकर शोभायात्रा में शामिल होने की अपील की है।
संवाददाता सम्मेलन में मुख्य रूप से राकेश उराँव, राजेश कंडयोंग, जुगल बरहा, शम्भू मुखी, नन्दलाल पातर, दुर्गामनी, बोइपाई, गंगाराम तिर्की, बुधराम खलखो, रामु तिर्की, सोमा कोया, बबलू खालखो उपस्थित थे।