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सरदार भगवान सिंह और हरविंदर सिंह मंटू को छोड़ तीनों सदस्यों पर है गंभीर आरोप, साबित करने के लिए मेरे पास साक्ष्य मौजूद : गुरुमुख सिंह मुखे

मामला / सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को संचालित करने के लिए 5 सदस्य टीम को जिम्मेदारी देने के संबंध में

जमशेदपुर। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है। इसी बीच 5 सदस्य टीम को सेंट्रल गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी को संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई जिस को चुनौती के रूप में लेते हुए गुरमुख सिंह ने चुनौती देते हुए अपनी बातों को रखा है। उन्होंने कहा कि सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे ने एक बयान जारी कर कहा कि मुझे मीडिया से जानकारी मिली है कि तक श्री हरमंदिर जी पटना साहिब से जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह गोरे मस्कीन साहब ने एक बयान जारी कर सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का कार्यभार पांच मेंबरी कमेटी को संभालने का आदेश दिया है जिसमें सदा शैलेंद्र सिंह सरदार सुरजीत सिंह खुशीपुर सरदार सत्येंद्र सिंह रोमी सरदार भगवान सिंह और हरविंदर सिंह मंटू का नाम दिया है ।मेरा कहना है कि अगर इसमें सरदार भगवान सिंह एवं सरदार हरविंदर सिंह मंटू को छोड दिया जाए तो बाकी तीन नाम जो है यह तीनों समाज में घोटाले के मामले में इन पर आरोप लग चुके हैं और पेटिशन डालकर यह कहा गया क्योंकि यह सामाजिक मामला है और इसे बैठकर सुलझा लिया जाएगा उसके बावजूद भी वैसे लोगों ने आज तक समाज में कभी बैठकर घोटाले के मामले को बैठकर सुलझाने का काम नहीं किया।
इस कमेटी में सतेंद्र सिंह रोमी का नाम दिया है श्री हरमिंदर जी पटना साहिब के जत्थेदार को यह पता होना चाहिए की सतेंदर सिंह रोमी के ऊपर में कई गंभीर मामले पर आरोप लग चुके हैं सत्येंद्र सिंह रोमी सजायाफ्ता है और सुरजीत सिंह खुशीपुर पर भी टिनप्लेट गुरुद्वारे के महासचिव रहते हुए गुरुद्वारा साहिब एवं स्कूल के घोटाले का आरोप लग चुका है।
वैसे लोगों को तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रंजीत सिंह संचालन समिति का प्रभार सौंप रहे हैं।
आखिर किस परिस्थिति में वैसे लोगो को संचालन समिति का सदस्य बनाया गया है ।
मैं इन तीनों आरोपियों का प्रमाण दे सकता हूं और यह न्यायालय में शैलेन्द्र सिंह तब बचे जब मैंने खुद कहा की यह सामाजिक मामला है यह बैठकर आपस में सुलझा लेंगे तब जाकर शैलेंद्र सिंह जैसे लोग मामले में बरी हुए ।
ऐसे लोगों को तख्त श्री हरमिंदर जी पटना साहेब के जत्थेदार प्रभार सौंप रहे हैं ।
गुरमुख सिंह मुख्य ने कहा श्री अकाल तक से जब भी उन्हें पांच सिंह साहिबान बुलाएंगे और अपना स्पष्टीकरण रखने को कहेंगे तो मैं निश्चित रूप से वहां जाकर अपना स्पष्टीकरण रखूंगा। इस तरह से बिना बुलाए बिना पक्ष जाने बिना स्पष्टीकरण मांगे एकतरफा कार्रवाई करना समझ से परे है मैं कभी इसके लिए तैयार नहीं हूं एक सच्चे सिख होने के नाते मैं भी 5 सिंह साहिबान का आदेश जो 2015 में पास हुआ था ,उसे बचाने के लिए उसकी रक्षा करने के लिए हर तरीके से संघर्ष करने के लिए तैयार हूं ।
मैं इस मामले में अपने अधिवक्ताओं से भी संपर्क कर रहा हूं एवं सबसे पहले अकाल तख्त साहिब जाकर इस मामले की जानकारी दूंगा और बताऊंगा कि किस तरह मेरे प्रतिष्ठा का हनन किया जा रहा है ।
और कौम के बीच में फूट डालने का प्रयास किया जा रहा है ।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के बाद सिख कौम अगर किसी को मानती है तो वह जत्थेदार साहब होते हैं जिनकी एक एक बात को महत्व देती है ।लेकिन बड़ी विडंबना है कि आज तख्त श्री हरमंदिर साहिब पटना साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रंजीत सिंह प्रशासन के पदाधिकारियों को पत्र लिखकर कह रहे हैं कि वे हस्तक्षेप करें के प्रभार सौपने मैं सहयोग करें ।
मैं तो शुरु से कह रहा हूँ कि मैं चुनाव कराने को तैयार हूं सभी गुरुद्वारों का चुनाव हो जाए मैं सेंटर गुरुद्वारा का चुनाव कर दूंगा । इससे पहले इंदरजीत सिंह उल जलूल कार्य कर कर 1 साल तक चुनाव नहीं कराया था मैं तो प्रशासन से आदेश मांग रहा हूं कि प्रशासन आदेश करें और सभी गुरुद्वारे को चुनाव कराकर में सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी का चुनाव करा सकूं।

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