सुख-दुख का साथी वह,
जीवन भर साथ निभाता है।
मुश्किल समय में जिसको,
फर्ज़ निभाना आता है।
मित्र ऐसा हो सदा,
राह आसान जो कर जाता है।
हो हताश यदि जीवन में,
प्रेरणा साथ में लाता है।
भटक जाएँ जब राह से,
सही मार्ग दिखलाता है।
ऐसा ही मित्र सदा,
अच्छी चीज़े सिखलाता है।
मित्र है अनमोल खजाना,
ईश्वर ऐसे लोगों से मिलवाता है।
संकट में जो साथ दें,
वही सच्चा मित्र कहलाता है।
नीलम पेड़ीवाल
जमशेदपुर (झारखंड)