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शांति देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर एवं संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की मनाई जयंती

रिपोर्ट विश्वकर्मा सिंह
चाकुलिया नगर पंचायत क्षेत्र स्थित शांति देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में जैन धर्म के 24 वें तीर्थंकर भगवान महावीर एवं संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाई गई. सर्वप्रथम विद्यालय के प्रधानाचार्य कमलाकांत प्रमाणिक एवं शिशु भारती के अध्यक्ष रिया सिंह, सचिव सुमोना दास ने संयुक्त रुप से दोनों महापुरुषों के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित किया एवं दीप प्रज्वलन कर जयंती कार्यक्रम का प्रारंभ किया गया. भैया बहनों ने दोनों महापुरुषों के जीवन से संबंधित अपना वक्तव्य भगवान भजन प्रस्तुत किया. प्रधानाचार्य ने भैया बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि भगवान महावीर सत्य, अहिंसा, ब्रह्माचार्य, अपरिग्रह एवं अस्तेह जैसे 5 ज्ञान विश्व के लोगों को प्रदान किया जो अपने आप में अभूतपूर्व है. मनुष्य इन पांचों ज्ञान को अपनाकर साधारण मनुष्य देव तुल्य बन सकता है. उनके मार्ग पर चलकर हम अपने जीवन में मोक्ष की प्राप्ति कर सकते हैं। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के विषय में संबोधन में कहा की डॉक्टर साहब भारतीय संविधान के शिल्पकार रहे हैं. भारत का संविधान निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है. वह एक तीक्ष्ण बुद्धि वाला व्यक्ति थे. डॉक्टर साहब दलित वर्गों के उत्थान के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है. उन्होंने विषम परिस्थितियों में भी ज्ञान प्राप्ति का मार्ग को नहीं छोड़ा, जब तक भारतवर्ष रहेगा भीमराव अंबेडकर जैसे महान पुरुषों को हमेशा याद किया जाता रहेगा. इस जयंती समारोह में आचार्य गौर हरी दास एवं हरिपद महतो ने भी भैया बहनों को संबोधित किया. इस मौके पर आचार्य मनोज महतो, अरुण महतो, तापस बेरा, दिलीप महतो, विप्लव टुडू, मनीषा महतो, लक्ष्मी सिंह, सीमा पांडे, पूजा शर्मा, धरित्री महतो, बंदना दास आदि उपस्थित थे.

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