जमशेदपुर । विधायक सरयू राय द्वारा जमशेदपुर एवं अन्य स्थानों पर सरकारी एवं लोक उपक्रमों की भूमि पर रह रहे लोगों को मालिकाना हक देने का मामला आज विधानसभा में उठाया गया।
परंतु विपक्ष के हो-हंगामा के कारण इस पर बहस नहीं हो सकी। तब माननीय अध्यक्ष महोदय द्वारा इसे अनागत प्रश्न क्रियान्वयन समिति को अग्रेतर कारवाई हेतु भेज दिया गया।
पंचम झारखंड विधानसभा के दशम (शीतकालीन) सत्र के अंतिम दिन सरकारी उपक्रमों संबंधी समिति के सभापति सरयू राय द्वारा समिति का 26 वां प्रतिवेदन सभा पटल पर उपस्थापित किया गया। समिति का गठन झारखंड विधानसभा के सभा-सचिवालय की अधिसूचना सं0-1005 दिनांक – 23.05.2022 द्वारा किया गया है। समिति में एक सभापति, श्री सरयू राय, एवं 5 सदस्य, श्री भानु प्रताप शाही, श्री मथुरा प्रसाद महतो, श्री जयप्रकाश भाई पटेल श्रीमती दीपिका पांडे सिंह एवं श्री सुदिव्य कुमार समिति हैं।
यह प्रतिवेदन non functional प्रतीत हुये उपक्रमों को बंद करने के संबंध में है। गठन के उपरांत समिति द्वारा C.A.G के विभिन्न प्रतिवेदन में सृजित पारा तथा सरकार के विभिन्न उपक्रमों के व्यवसायिक एवं व्यापारिक दृष्टिकोण से क्रियाकलाप पर महालेखाकार/ महालेखाकार के प्रतिनिधि की उपस्थिति में विभिन्न उपक्रमों के पदाधिकारियों के साथ विचार-विमर्श शुरू किया।
विचार-विमर्श के क्रम में समिति ने यह निष्कर्ष पाया कि सरकार के कई उपक्रमों द्वारा गठन के उपरांत अपना एकाउंट आज तक नहीं खोला गया है और कई द्वारा खोलने के उपरांत अपने एकाउंट / ऑडिट को अद्यतन नहीं रखा गया है। किसी भी उपक्रम की वित्तीय स्थिति की जानकारी के लिए यह आवश्यक है। वहीं कई उपक्रम क्रियाकलाप के दृष्टिकोण से Non functional है और उनकी कोई विशेष उपयोगिता नहीं रह गई है, उन्हें बंद कर दिया जाना श्रेयस्कर प्रतीत होता है। प्रतिवेदन में जिन Non functional प्रतीत हुए उपक्रमों को बंद करने की अनुशंसा की गई है, वे निम्नवत हैं।
1. झारखंड शहरी परिवहन विकास निगम, झालको, पतरातू ईनर्जी लिमिटेड, झारबिहार जैसे Non functional कंपनीयों का क्लोजर करते हुए उसमें जो भी इन्वेस्टमेंट हुआ है, उसे बेचकर सरकार वापस ले।
2. रांची ग्रेटर विकास एजेंसी द्वारा रांची के परिधीय विस्तार एवं विकास किया जाना चाहिए था। लेकिन जीआरडीए द्वारा रांची के कॉल कैपिटल एरिया में 20 साल में झारखंड विधान सभा, उच्च न्यायालय एवं उसमें सिवरेज तथा वाटर सप्लाई के अतिरिक्त और कोई कार्य नहीं किया गया है। वर्तमान में उसकी एक्टिविटी बहुत कम है और उसके द्वारा जो कार्य किया गया है, उसे दूसरा भी कर सकता है। ऐसी स्थिति में जीआरडीए के अस्तित्व को बनाए रखने पर सरकार विचार करें।
3. राज्य सरकार के जितने भी उपक्रम हैं उन सभी का function, corporate culture के अनुरूप हो।