विधायक सरयू राय ने विधानसभा के सत्र कालीन में पथो पुलों के निर्माण में कई सवाल उठाए
जमशेदपुर । पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सरकार के पथ निर्माण विभाग से अपने अल्पसूचित प्रस्न के माध्यम से पूछा है कि क्या सरकार पथों, पुलों, उपरी पथों के निर्माण की योजना तैयार करते समय वाहनों के परिचालन का घनत्व संबंधी व्यापक एवं से अध्ययन करती है? क्या जमशेदपुर एवं समीपवर्ती इलाकों तथा मानगो, जुगसलाई, आदित्यपुर आदि क्षेत्रों में वाहनों के परिचालन में काफी वृद्धि होने के कारण जगह-जगह टैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो जा रही है?
क्या जमशेदपुर के लिट्टी चैक से एनएच-33 तक स्वर्णरेखा पर पुल एवं पहुंच पथ बनने, कान्दरबेड़ा-सोनारी टू-लेन पथ का फोर-लेन में उन्नयन होने तथा अन्ना चैक चौक से पिपला-गोविन्दपुर के बीच उपरि पथ बन जाने से मानगो पर टैफिक का दबाव घट जायेगा और मानगो-जमशेदपुर फ्लाई ओवर की उपयोगिता नहीं रह जाएगी?
सरकार ने श्री राय के प्रस्न के उत्तर में कहा कि जमशेदपुर शहर, देश का एक प्रगतिशील एवं राज्य का प्रतिष्ठामूल्क औद्योगिक शहर है, जहां टाटा समूह की कई कंपनियाँ, जैसे – इसको टाटा मोटर्स, टीन-प्लेट, टीमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि के अतिरिक्त अन्य कई माध्यम एवं लघु इंडस्ट्रियल यूनिट्स स्थापित है। जमशेदपुर शहर एनएच-33 पर अवस्थित है, जिससे पैसेंजर वाहनों के अतिरिक्त मुख्यता इन औद्योगिक इकाइयों के लिए वाहनों का परिचालन होता है और जोगी के इकाइयों के लिए संपर्क का सुगम एवं उन्नत रहने की आवश्यकता है ताकि इन इकाइयों तक निर्भर Supply chain की सुचारू व्यवस्था कायम रह सके। माननीय सदस्य द्वारा योग्य वैकल्पिक मार्गों को परामशित किया गया है, जिसमें अन्ना चौक से गोविंदपुर बाईपास के लिए चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए निर्माण हेतु विभाग द्वारा रु० 163.54 करोड़ की राशि पर स्वीकृति प्रदान की गई थी। कार्य के लिए एकरारनामा भी किया गया, परंतु कार्य को फोर्स क्लोज करना पड़ा। वर्तमान में मामला Subjudice है। माननीय सदस्य द्वारा सुझाए गए कान्दरबेड़ा- दोमुहानी (सोनारी) के फोर लेनिंग हेतु डी0पी0आर0 सूत्रण का कार्य प्रगति में है एवं लिट्टी चौक से एनएच – 33 पथ के एग्रीमेंट की उपयुक्तता के संबंध में अभियंता प्रमुख एवं अधीक्षण अभियंता, अग्रिम योजना अचल, पथ निर्माण विभाग के द्वारा स्थल निरीक्षण किया गया है।
भविष्य में संभावित ट्राफिक ग्रोथ को दृष्टिपथ रखते हुए औद्योगिक वाहनों के अतिरिक्त प्राइवेट वाहनों के सामान्य परिचालन हेतु विभिन्न दिशाओं से शहर को कनेक्टिविटी प्रदान किए जाने की आवश्यकता है। शहर के आंतरिक यातायात हेतु स्वर्णरेखा पर मानगो में बना पुल बॉटल निक बना हुआ है, जिसकी वजह से मानगो तथा साकची के बीच आना-जाना कष्टप्रद हो चुका है। यहां तक कि साकची तथा बिष्टुपुर एरिया में अवस्थित स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को मानगो पुल पर अक्सर घंटों जाम में फंसे रह जाना पड़ता है। शहर के दोनों भागों के बीच सुचारू यातायात व्यवस्था हेतु मानगो पुल की नई परियोजना की स्वीकृति प्रदान की गई है, जो शहर की अंतरिक यातायात व्यवस्था का समाधान होगा। सदस्य द्वारा परामशित अन्य विकल्पों से औद्योगिक व भारी वाहनों के यातायात में सहूलियत होगी, जिसके लिए विभाग प्रयासरत है का अस्वासन दिया गया।