विधानसभा में नमाज के लिए अलग कक्ष आवंटित करने पर भाजपा ने बोला हेमंत सरकार पर हमला, बताया अलोकतांत्रिक एवं असंवैधानिक फैसला
■ सर्वोच्च पंचायत को तुष्टिकरण का केंद्र ना बनाये सरकार, बहुसंख्यक विधायक के लिए भी विधानसभा में मंदिर निर्माण की अनुमति दें: गूँजन यादव।
जमशेदपुर। झारखंड विधानसभा भवन में अल्पसंख्यकों के लिए नमाज पढ़ने के लिए कमरा आवंटित किए जाना का मामला विवादों में घिरता नजर आ रहा है। विधानसभा भवन में नमाज पढ़ने के लिए अलग कक्ष आवंटित करने पर सूबे की मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी आपत्ति जताई है। विधानसभा अध्यक्ष द्वारा सचिवालय में नमाज के लिए अलग कक्ष आवंटित करने के जारी निर्देश पर भाजपा जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष गुंजन यादव ने इसे राज्य सरकार के दबाव में विधानसभा अध्यक्ष का लिया गया फैसला बताया। शनिवार को महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव ने प्रेस-रिलीज जारी कर निर्णय को अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि विधानसभा राज्य की सर्वोच्च पंचायत है। लेकिन झामुमो-कांग्रेस गठबंधन सरकार विधानसभा को तुष्टिकरण की केंद्र बना रही है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष अपने संवैधानिक निर्णयों को लेने में असफल है। 19 महीनों के बाद भी भाजपा विधायक दल के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष का दर्जा नहीं दे रहे हैं। जिस कारण प्रत्येक सत्र में बाबूलाल मरांडी को वक्तव्य देने के अधिकार से वंचित कर अपमानित किया जा रहा। यह सब सरकार के इशारे पर किया जा रहा है। गूँजन यादव ने कहा कि हेमंत सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा करने के बजाय तुष्टिकरण से भरे निर्णय लेकर अपनी विफ़लता को छिपाने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार के तुष्टिकरण की राजनीति तब दिखती है जब उन्होंने नियोजन नीति में हिंदी और संस्कृत भाषा को हटाकर उर्दू को जोड़ा। कोरोनाकल के पहले चरण में मंत्री आलमगीर आलम की सिफारिश पर कोविड प्रतिबंधों का घोर उल्लंघन करते हुए आठ बसों में बैठाकर समुदाय विशेष के लोगों को रांची से बाहर भेजा गया जिनमें अनेक बांग्लादेशी भी शामिल थे। लेकिन बिलखते माता-पिता को अपने बेटी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए बिहार जाने की अनुमति नहीं दी गयी। उन्होंने कहा कि झामुमो-कांग्रेस सरकार हमेशा ही तुष्टिकरण की पोषक रही है राज्य के एक दिवंगत मंत्री के जनाजे में शामिल लोगों पर कोविड प्रोटोकॉल उल्लंघन की कोई कार्रवाई नही हुई परंतु भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सहित अनेक नेताओं पर किसानों के मुद्दे पर धरना देने पर मुकदमे दर्ज किए गए। आज प्रदेश भर में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण का तांडव हो रहा लेकिन राज्य सरकार कोई कार्रवाई नही कर रही। जबकि रघुवर सरकार में धर्मांतरण को रोकने और संस्कृति संरक्षण के लिये कठोर कानून बनाये गए थे। भाजपा महानगर अध्यक्ष गूँजन यादव ने विधानसभा अध्यक्ष से ऐसे अलोकतांत्रिक निर्णय को तुरंत वापस लेने की मांग की है अथवा विधानसभा भवन में हिंदू, सरना, सिख, जैन और झारखंड में रहने वाले सभी धर्मों के विधायकों के लिए अलग-अलग उपासना कक्ष की व्यवस्था करने की मांग की है।
वहीं, भाजपा महानगर प्रवक्ता प्रेम झा ने भी राज्य सरकार के इस निर्णय को तुष्टिकरण से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार में बहुसंख्यक समुदाय के धार्मिक स्वतंत्रता का लगातार हनन किया जा रहा है। पिछले दुर्गापूजा में माँ दुर्गा की प्रतिमा को छोटा करने का आदेश जारी किया गया। देश भर में हिंदुओं के प्रमुख धार्मिक स्थल एवं मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए खोले जा रहे लेकिन झारखंड सरकार ने बाबा बैद्यनाथ धाम और बासुकीनाथ मंदिर समेत प्रदेश के सभी मंदिरों को अब तक बंद रखा गया है। कहा कि भाजपा सभी धर्मों का सम्मान करती है ऐसे में बहुसंख्यक विधायकों के लिए भी उनकी भावना का ख्याल रखते हुए विधानसभा में मंदिर निर्माण करने और नियमित हनुमान चालीसा पाठ और आरती की अनुमति दी जानी चाहिए।