लोक अदालत में हुए निर्णय से कोई भी पक्षकार को नुकसान नही होता : अनिल कुमार मिश्र
झालसा, डालसा के लोक अदालत के प्रयास से गरीब लोंगो में विश्वास जगा है इसे अक्षुण्ण रखना है: राजेश शुक्ल
रविंद्र सिंह
जमशेदपुर जिला व्यवहार न्यायालय में आज झालसा और डालसा के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का भव्यआयोजन हुआ जिसका उदघाटन पूर्वी सिंहभूम के प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्र , झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने संयुक्त रूप से किया।इस अवसर पर मंच पर कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश श्री अमितेश लाल और जिला बार एसोसिएशन की तदर्थ समिति के संयोजक श्री लाला अजित कुमार अम्बष्ठ , और डालसा के सचिव श्री राणा सांगा उपस्थित थे।
इस अवसर पर अपने संबोधन में प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीश श्री अनिल कुमार मिश्र ने कहा कि लोक अदालत से कोई भी पक्षकार दुःखी नही होता। दोनों पक्षो की सहमति से निर्णय होते है। इससे आर्थिक रूप से कमजोर लोंगो को बड़ी राहत मिली है।
इस अवसर पर झारखंड स्टेट बार कौंसिल के वाईस चेयरमैन और वरिष्ठ अधिवक्ता श्री राजेश कुमार शुक्ल ने कहा कि लोक अदालत वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्रों में एक है। झालसा, डालसा के लगातार प्रयास से गरीब तबकों में विश्वास जगा है इसे अक्षुण्ण रखते हुए इसका दायरा बढ़ाना होंगा। इससे संबंधित पक्षो के बीच सौहार्द बना रहता है संबंधित पक्षकारों का समय, धन का बचत होता है।
श्री शुक्ल ने कहा कि लोक अदालत कोई नई अवधारणा नही है बल्कि प्राचीन काल से चली आ रही हमारी सामाजिक धारणा का भाग है। पुराने समय मे पंचों के माध्यम से विवाद निस्तारण की व्यवस्था थी जिसे विधिक सेवा प्राधिकार अधिनियम 1987 द्वारा पंच न्याय की इस व्यवस्था को कानूनी रूप देते हुए लोक अदालत का नाम दिया गया।
जिला बार एसोसिएशन की तदर्थ समिति के संयोजक श्री लाला अजित कुमार अम्बष्ठ ने भी लोक अदालत को उपयोगी बताया। इस अवसर पर भारी संख्या में न्यायाधीश, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता, पक्षकार और विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।