नई दिल्ली. लैंड फॉर जॉब मामले में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav) के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर रॉउज एवन्यू कोर्ट कल सुनवाई करेगा. दिल्ली की रॉउज एवन्यू कोर्ट सीबीआई द्वारा दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान ले सकती है. इस चार्जशीट में लालू यादव और राबड़ी देवी को तो आरोपी बनाया ही है. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल 18 मई को केस दर्ज किया था.
सीबीआई के मुताबिक, लोगों को पहले रेलवे में ग्रुप डी के पदों पर सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती किया गया और जब उनके परिवार ने जमीन का सौदा किया तो उन्हें रेगुलर कर दिया गया. सीबीआई की दूसरी चार्जशीट में लालू परिवार के अलावा रेलवे से जुड़े पूर्व अफसरों और कंपनियों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटे तेजस्वी यादव को आरोपी बनाया गया है. इनके अलावा पश्चिम मध्य रेलवे के पूर्व जीएम महीप कुमार, पूर्व सीपीओ मनोज पांडे और पीएल बनकर भी आरोप हैं.
मामला उस समय का जब लालू यादव रेल मंत्री थे
साथ ही दिलचंद कुमार, ज्ञानचंद राय, हजारी राय, महेश सिंह, मोहम्मद धानिफ अंसारी, शत्रुघ्न राय, विश्वकर्मा राय, अशोक कुमार यादव, रामबृक्ष यादव और राजनाथ सिंह के अलावा एके इन्फोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड का नाम भी चार्जशीट में है. आरोप लगाया गया है कि 2004 से 2009 के बीच लालू यादव जब रेल मंत्री थे, तो उन्होंने लोगों को रेलवे में ग्रुप डी में सब्स्टीट्यूट के तौर पर भर्ती करने के बदले जमीनें लीं. ये जमीनें लालू यादव ने अपने परिवार के सदस्यों के नाम पर लीं.
आरोप है कि यादव परिवार को जमीनें देकर पाई थी सरकारी नौकरी
आरोप ये भी लगाया गया है कि बिहार के पटना के रहने वाले इन लोगों ने अपनी जमीनें लालू यादव के परिवार के सदस्यों और उनके सदस्यों के कंट्रोल वाली एक निजी कंपनी को बेच दी या गिफ्ट में दे दी. चार्जशीट में सीबीआई ने बताया कि जांच के दौरान सामने आया कि जोनल रेलवे में सब्स्टिट्यूट की भर्ती के लिए कोई एडवर्टाइजमेंट या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. फिर भी पटना के रहने वाले इन लोगों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्त किया गया.