यह जो मिलन है यही है योग : राजेन्द्र राणा
हजारीबाग । आनंद मार्ग प्रचारक संघ, हजारीबाग की ओर से अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया, यह कार्यक्रम चौपारण, हज़ारीबाग़ के बहेरा आश्रम सुरेखा प्रकाश भाई पब्लिक स्कूल में हुआ जहां सैकड़ों बच्चो को योग की प्रशिक्षण के साथ साथ योग की जीवन में व्यवहारिक भूमिका के विषय से अवगत कराया गया।
आनंद मार्ग प्रचारक संघ के भुक्ति प्रधान श्री राजेंद्र राणा ने योग शब्द की व्याख्या करते हुए हुए उन्होंने बताया संयोग योगो इत्युक्तो जीवात्मा-परमात्मनः” – जीवात्मा को परमात्मा में मिलाना ही योग है । उन्होंने बच्चो को लंबे होने के साथ दिमाग विकसित करने के लिए आसन करने को कहा।
योग प्रशिक्षक और आनंद मार्ग प्रचारक संघ के गया डायोसीज सचिव आचार्य व्रजगोपालानंद अवधूत ने उपस्थित सभी को राजाधिराज योग के बारे में बताया और उन्होंने बताया कि किस प्रकार से हम राजाधिराज योग साधना से, यम नियम से कैसे हम अपने आप को शारीरिक रूप से स्वस्थ, मानसिक रूप से संतुलित और आध्यात्मिक रुपब्से उन्नत बना सकते हैं । आगे उन्होंने योगासन करने का सही तरीका बताया और यह भी बताया की हर वर्ग के लोगो और उनकी शारीरिक संरचना के मुताबिक ही योगासन का चयन करना चाहिए।
कार्यक्रम में मौजूद योग प्रशिक्षक रितेश ने पुरुषों के मानसिक मजबूती, आत्मविश्वास जागरण, एकाग्रता में वृद्धि, याददस्त शक्ति इत्यादि को बढ़ाने के लिए तांडव नृत्य के बारे में बताया और उसका अभ्यास भी करवाया गया।तांडव नाम संस्कृत शब्द तंदु से लिया गया है, जिसका अर्थ है ‘कूदना’। यह नृत्य केवल पुरुष अनुयायियों द्वारा किया जाता है। यह नृत्य अभ्यासी के मन को साहस और सम्मान से भर देने के लिए किया जाता है, जिससे सभी प्रकार की जटिलताएं और भय दूर हो जाते हैं , यहां तक कि मृत्यु का भय भी।इसके साथ साथ कुछ महत्वपूर्ण आसन और उसे सही से करने का तरीका भी बताया।
कार्यक्रम में मौजूद योग प्रशिक्षक एवं संघ के धर्म प्रचार सचिव भीष्म ने महिलाओं के लिए कौशिकी नृत्य का अभ्यास कराया गया, यह नृत्य महिला और पुरुष दोनों कर सकते है, इसकी खासियत है की यह नृत्य शारीरिक और मानसिक रोगों की औषधि है। विशेषकर महिला जनित रोगों के लिए रामबाण है। इस नृत्य के अभ्यास से 22 प्रकार के रोग दूर होते हैं। सिर से पैर तक अंग प्रत्यंग और ग्रंथियों का व्यायाम होता है। मनुष्य दीर्घायु होता है। यह नृत्य महिलाओं के सुप्रसव में सहायक है। मेरुदंड के लचीलेपन की रक्षा करता है। मेरुदंड, कंधे, कमर, हाथ और अन्य संधि स्थलों का वात रोग दूर होता है।
स्कूल के प्रधानाध्यापक रीना पांडेय जी ने छात्र छात्राओं का मनोबल को बढ़ाते हुए कहा कि योग से माध्यम से हम अपने आप पर नियंत्रण कर सकते है और उन्होंने बच्चो को मोबाइल गेम इत्यादि से दिमाग को निकाल पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने को कहां। कार्यक्रम को सफल बनाने में स्कूल के सभी शिक्षकों का सराहनीय योगदान रहा।
कार्यक्रम में आनंद मार्ग प्रचारक संघ, हजारीबाग से रितेश, भीष्म इत्यादि तमाम आनंद मार्गियों का बहुमूल्य भूमिका रहा।