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मॉनसून के दौरान डॉक्टरों ने की सतर्क रहने की अपील

फ्लू से बचाव का टीका लगवाकर करें अपने बच्चे के स्वास्थ्य की सुरक्षा

रांची: मॉनसून का मौसम जलती गर्मी से राहत तो देता है, लेकिन साथ ही कई तरह के इन्फ्लूएंजा को बढ़ने के लिए अनुकूल माहौल भी दे देता है। इस मौसम में फ्लू के मामले बढ़ जाते हैं, क्योंकि नमी और तापमान में उतार-चढ़ाव से फ्लू का कारण बनने वाले वायरस के संक्रमण को बढ़ावा मिलता है।
बच्चों में फ्लू के कारण न्यूमोनिया जैसी गंभीर परेशानियां होने का खतरा रहता है। साथ ही अगर बच्चे को अस्थमा हो, तो स्थिति बिगड़ने की आशंका रहती है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (आईएपी) का कहना है कि इन्फ्लूएंजा का प्राथमिक टीका लगने के बाद 6 महीने से 5 साल की उम्र तक के बच्चों को हर साल फ्लू से बचाव का टीका लगवाना चाहिए, जिससे संक्रमण की जटिलता से बचा जा सके। टीकाकरण फ्लू होने के बाद स्थिति गंभीर होने से भी बचाता है।
रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल, रांची के कंसल्टेंट डॉ. शैलेश चंद्रा ने मॉनसून के दौरान स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए सतर्कता के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने कहा, ‘हाल के महीनों में मैंने बच्चों में फ्लू संक्रमण के मामलों में 25 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी है। मॉनसून में आमतौर पर ऐसा होता ही है। 5 साल से कम उम्र के बच्चों और अस्थमा, किडनी की बीमारी या दिल की बीमारियों से जूझ रहे वयस्कों में फ्लू के कारण स्थिति ज्यादा जटिल होने और अस्पताल में भर्ती होने की आशंका ज्यादा रहती है। इसलिए मैं सभी माता-पिता को यह सुझाव देना चाहता हूं कि फ्लू से बचाव का टीका लगवाएं। वार्षिक तौर पर लगने वाला 4-इन-1 फ्लू वैक्सीनेशन फ्लू के संक्रमण के कारण होने वाली गंभीर परेशानियों से बचा सकता है। इस संबंध में अतिरिक्त जानकारी के लिए सभी माता-पिता को अपने डॉक्टरों से परामर्श करना चाहिए।’

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