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झारखंड में पहला मुकदमा सर्टिफिकेट केस गमन के पैसे को असूल के लिए चीफ सेक्रेटरी ने दिया आदेश बागबेड़ा कि जनता की ओर से साधुवाद।

जमशेदपुर 13 अक्टूबर सूचना के अधिकार बागबेडा महानगर विकास समिति के संयोजक एवं कॉन्ग्रेस आरटीआई सेल कोल्हान के चेयरमैन विनय सिंह के द्वारा बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी मध्य पंचायत की पूर्व मुखिया प्रतिमा मुंडा एवं बागबेड़ा कॉलोनी पंचायत की पूर्व मुखिया बाहामुनी हेंब्रम पर बागबेड़ा कोलोनी पंचायत के अंदर बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी जलापूर्ति योजना में किए गए 2163000 रूपया गमन का मुकदमा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर एवं सूचना के अधिकार के तहत दोनों मुखिया के भ्रष्टाचार के विरोध में कई प्रकार की सूचनाएं मांगी गई है। और झारखंड के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर मुख्य सचिव एवं अभियंता प्रमुख से मिलकर कई कंप्लेंट दर्ज किए थे ।जिसमें एक मामले पर चीफ सेक्रेटरी जी के आदेश पर उपाय पूर्वी सिंहभूम, अधीक्षक अभियंता शिशिर सोरेन के आदेशानुसार कार्यपालक अभियंता अभय टोप्पो के द्वारा दोनों मुखिया पर गमन का आरोप सिद्ध होने पर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया है। और भी मामलों की जांच चल रही है दोनों मुखिया के ऊपर राज्य सूचना आयोग में भी कई मामले दर्ज है। बागबेड़ा कॉलोनी क्षेत्र के 1140 घरों की जनता को शुद्ध पेयजल पिलाने मोटर रिपेयरिंग के नाम पर लाखों रुपए का गमन करने बागबेड़ा के मूल निवासियों के साथ अभद्र व्यवहार करने जनता के द्वारा पानी मद में दिए गए पैसे का गमन करने जैसे कई मामलों को लेकर बागबेड़ा क्षेत्रों में बागबेड़ा हौसिंग कोलोनी जलापूर्ति योजना से अवैध कनेक्शन दिए जाने एवं बड़े पैमाने पर वसूली करने सरकारी विद्यालय के जमीन का अतिक्रमण करने सरकारी जमीन का स्कूल के ईटा को बेच देने और पानी के नाम पर सरकार द्वारा दिए गए पैसे का बंदरबांट कर जनता को सही रूप से स्वच्छ पानी नहीं पिलाया जाने के विरोध में जनहित याचिका दायर की गई है। जिसकी सारी प्रति भी नंबर के साथ उपलब्ध कराई जा रही है। पानी घोटाला फेवर ब्लॉक घोटाला सरकारी विद्यालय का अतिक्रमण जैसे कई मामलों पर सूचना के अधिकार के तहत विनय सिंह के द्वारा सूचनाएं मांगी गई है। जिला प्रशासन पेयजल एवं स्वच्छता विभाग हाउसिंग बोर्ड ग्रामीण विशेष प्रमंडल के द्वारा अभी तक विनय सिंह एवं बागबेड़ा हाउसिंग कॉलोनी के कांग्रेस नेता अजय ओझा समाजसेवी विनोद सिंह जितेंद्र कुमार अंकित श्रीवास्तव रंजन सिंहा विमलेश कुमार मुकेश चौधरी सुमन कुमार रेनू शर्मा बागबेड़ा महानगर विकास समिति महिला मोर्चा की अध्यक्ष ऋतु सिंह को किसी भी प्रकार की सूचना मुखिया के द्वारा किए गए गमन की जानकारी उपलब्ध नहीं कराई गई है। बागबेडा का एक प्रतिनिधिमंडल रांची जाकर पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री मिथिलेश ठाकुर से मिले चीफ सेक्रेटरी से मिले अभियंता प्रमुख रघुनंदन शर्मा से मिले।
झारखंड सरकार की सचिव के आदेश पर सारे गमन के डाक्यूमेंट्स देने के बाद प्रमाणित होने पर सर्टिफिकेट केस का आदेश दिया गया है। और भी सभी मामलों की जांच हो रही है यथाशीघ्र उन सभी मामलों पर भी सर्टिफिकेट केस कर गमन किए गए सारे पैसे की रिकवरी की जाएगी और विनय सिंह ने कहा जिला प्रशासन भाजपा नेत्री पूर्व मुखिया प्रतिमा मुंडा द्वारा गमन किए गए मामले पर यथाशीघ्र उसके ऊपर मुकदमा भी दर्ज किया जाए राजस्व की वसूली सरकार के फायदे के लिए है। इन लोगों के द्वारा गमन किया गया है। जो प्रमाणित हो चुका है इसलिए इन पर मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए। विनय सिंह ने कहा भाजपा में ऐसे भ्रष्टाचारी लोग हैं जो उजागर हो चुका है और इनके ऊपर आरोप भी गठित हो चुकी है भाजपा क्या निर्णय लेती है जनता भी देखें।
दोनों पूर्व मुखिया के द्वारा बागबेड़ा के प्रमुख समाजसेवियों को बदनाम करने का प्रयास किया गया था। इसके बाद बागबेड़ा की जनता ने सबक सिखाने का निर्णय लिया और इन्हें सबक भी सिखाया और इनके ऊपर कार्रवाई के लिए क्रमबद्ध जन आंदोलन के माध्यम से आंदोलन चलता रहा और लास्ट में हाई कोर्ट में पीआईएल दाखिल भी किया गया और इनके द्वारा किए गए सभी कार्यों में भ्रष्टाचार में संलिप्त कार्यों की सूची सूचना के अधिकार के तहत मांगी गई है ।जो आयोग में विराजमान है सूचना के अधिकार के तहत दोनों मुखिया में से किसी भी मुखिया ने किसी भी प्रकार की सूचनाएं उपरोक्त किसी भी लोगों को विभाग द्वारा उपलब्ध नहीं कराई गई है। और विभाग द्वारा यह कहा गया है कि मुखिया द्वारा सूचना उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। यह सारा मामला राज्य सूचना आयोग में चल रहा है ।जिसमें दोनों मुखिया पर 12 से 15 लाख रुपए गमन का मामला भविष्य में आ सकता है। चापाकल के पाइप घोटाला गमन का अभी एक मामला सामने आया है। 344000 प्रतिमा मुंडा के द्वारा एवं 235000 बहामुनी हेंब्रम के द्वारा सर्टिफिकेट केस कर दी गई है ।
भ्रष्टाचार के विरोध करने पर मुखिया द्वारा झूठे मुकदमों में फंसाने का प्रयास भी किया गया था। सूचना के अधिकार के तहत उस कॉपी की भी मांग की गई है। जांच उपरांत झूठा मुकदमा प्रशासन ने आंदोलनकारियों पर नहीं किया।
धन्यवाद।

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