मुख्यमंत्री की नयी नीति “बांटो और राज करो;रघुवर दास
मुख्यमंत्री की नयी नीति “बांटो और राज करो”। महान झारखंड में आज बचकाना नेतृत्व कार्यरत है। भोजपुरी-मगही भाषी लोगों के प्रति मुख्यमंत्री जी का यह बयान दुखद है। उनके गंठबंधन को वोट देने वाले लोगों को आज दुख जरूर हो रहा होगा। हेमंत जी को भोजपुरी और मगही बाहरी भाषा लगती है, लेकिन उर्दू अपनी लगती है। हेमंत सरकार ने पहले हिंदी-संस्कृत और अब भोजपुरी-मगही का अपमान किया है। मुख्यमंत्री जी कह रहे हैं कि भोजपुरी-मगही से झारखंड का बिहारीकरण हो रहा। तो क्या उर्दू से झारखंड के इस्लामीकरण की तैयारी है पांच लाख नौकरी देने का वादा करके सत्ता में आयी हेमंत सरकार ध्यान भटकाने की कला में पारंगत है। इसलिए मुद्दों से ध्यान भटकाने का खेल खेल रहे हैं। संविधान की शपथ लेकर मुख्यमंत्री बने हेमंत सोरेन जी को यह समझने की जरूरत है कि वे झारखंड के साढ़े तीन करोड़ लोगों के मुख्यमंत्री हैं। लेकिन वे उसी संविधान की तिलांजलि देने पर तुले है