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छंदमाल्य रचनाओं की गीतमय प्रस्तुतियों के साथ छन्द माल्य भाग 3 का आयोजन 5 को

जमशेदपुर। छंदबद्ध रचनाओं की गीतमय प्रस्तुतियों के साथ छंदमाल्य भाग-3 का आयोजन दिनांक 5 नवम्बर 2023 को बिष्टुपुर स्थित चैंबर ऑफ कॉमर्स भवन के सभागार में छंदमाल्य कवि मण्डपम्, जमशेदपुर द्वारा किया जाएगा।

इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जयपुर, राजस्थान के छंदाचार्य गोप कुमार मिश्र जी करेंगे । मुख्य अतिथि के रूप में छंदज्ञ दिनेश रविकर जी राँची से आने वाले हैं , वहीं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रसेनजीत तिवारी (तुलसी भवन के मानद सचिव) तथा रामनंदन प्रसाद (उपाध्यक्ष तुलसी भवन) उपस्थित रहेंगे । इस कार्यक्रम में शहर के प्रसिद्ध समाजसेवी एवं साहित्य प्रेमी गोविंद दोदराजका जी को छंदमाल्य सम्मान-२०२३ से सम्मानित किया जाएगा । कार्यक्रम का संयोजन प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ एवं डॉ संध्या सिन्हा ने संयुक्त रूप से किया है ।

कार्यक्रम का उद्घाटन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन एवं साधकों द्वारा सरस्वती वंदना के साथ किया जाएगा । छंदों का यह अद्भुत कार्यक्रम कुछ इस तरह से नियोजित किया गया है जिसमें किसी भी वाक्य को गद्य में उच्चारित नहीं किया जाएगा , अतिथियों का स्वागत ,मंच पर आमंत्रण, आभार, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन तक केवल छंदों में ही किया जाएगा । यहां तक की समीक्षात्मक टिप्पणियां भी छंदों में ही की जाएंगी।

छंदमाल्य कवि मंडपम् छंदमाल्य श्रंखला की तीसरी प्रस्तुति रहेगी । इससे पहले छंदमाल्य -१ का आयोजन दिनांक 11.09.2022 को सिंहभूम जिला हिन्दी साहित्य सम्मेलन तुलसी भवन, बिष्टुपुर, जमशेदपुर में सफलता के साथ आयोजित किया गया था एवं छंदमाल्य-2 का आयोजन 23.04.2023 को छत्तीसगढ़ में ‘कला कौशल साहित्य संगम’ ने किया था ।

कार्यक्रम की सूत्रधार एवं संयोजिका प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ , सह संयोजिका डॉ संध्या सिन्हा , कवि नवीन कुमार अग्रवाल एवं दीपक वर्मा ‘दीप’, कवियत्री शोभा किरण , डॉ रजनी रंजन , माधवी उपाध्याय, रीना सिन्हा , निवेदिता श्रीवास्तव ‘गार्गी’, आरती श्रीवास्तव ‘विपुला , मनीषा सहाय ‘सुमन’ हैं।
प्रथम सत्र का संचालन शोभा किरण एवं दीपक वर्मा दीप द्वारा किया जाएगा। दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के बाद प्रतिभा प्रसाद ‘कुमकुम’ के उद्बोधन होगा। उसके बाद छंदमाल्य ३ की पुस्तक “छंदमाल्य” व “दोहे मन को मोहे‌” का लोकार्पण किया जाएगा । इस पुस्तक में सभी ग्यारह प्रतिभागियों द्वारा लिखित विधाता छंद , सवैया छंद तथा लावणी छंद में गीत संकलित हैं । तथा “दोहे मन को मोहे” छंदाचार्यों व प्रतिभागियों द्वारा रचित दोहे हैं । सभी साहित्यकारों ने एक दूसरे के लिए दोहा रचा है।
इसके बाद सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुति होगी जिसमें अपने परिचय तथा रचनाओं को वे बारी-बारी से विधाता छंद , सवैया छंद एवं लावणी छंद के माध्यम से प्रस्तुत करेंगे और हर प्रस्तुति के बाद कार्यक्रम के अध्यक्ष गोप कुमार मिश्र तथा मुख्य अतिथि दिनेश रविकर जी द्वारा बारी-बारी से सभी प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों की समीक्षा करेंगे। इस प्रस्तुतियों का संचालन सभी प्रतिभागी बारी-बारी से करेंगे।

दूसरे सत्र में सर्वप्रथम अतिथियों को सम्मानित किया जाएगा फिर उनके द्वारा छंदमाल्य३‌ के सभी प्रतिभागियों को अंगवस्त्र ,स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया । इस सत्र की खासियत यह रहेगी कि स्मृति चिन्ह में छंद में परिचय लिखकर दिया जाएगा।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथियों व मुख्य अतिथि दिनेश रविकर जी द्वारा वक्तव्य दिया जाएगा जिसमें वे इस कार्यक्रम के प्रति अपना दृष्टिकोण को रखेंगे । प्रसेनजीत तिवारी और राम नन्दन प्रसाद जी विशिष्ट अतिथि भी अपना दायित्व निभाएंगे । इसके बाद जयपुर, राजस्थान से विशेष आग्रह पर आए छंदमाल्य-३ कार्यक्रम के अध्यक्ष आदरणीय गोप कुमार मिश्र अपनी समग्र दृष्टि से देखते समझते हुए इस पूरे कार्यक्रम की तैयारियों एवं आयोजन पर समीक्षात्मक व्याख्या करेंगे। इस सत्र का संचालन नवीन अग्रवाल एवं डाॅ. रजनी रंजन द्वारा किया जाएगा।

तीसरे सत्र में खुला मंच का आयोजन किया जाएगा। इस सत्र में शहर के गणमान्य कवि स्वतंत्र रूप से शामिल होंगे और वे सभी अपनी प्रस्तुति विधाता छंद में देंगे। प्रस्तुति देने वालों में शहर के नामी साहित्यकार श्यामल सुमन , मामचंद अग्रवाल ‘वसंत’, मेहा मिश्रा, वीणा पांडेय भारती, अनामिका मिश्रा, पूनम शर्मा स्नेहिल , संतोष कुमार चौबे , जय प्रकाश पाण्डेय , सविता सिंह मीरा ,डाॅ लता मानकर , पद्मा प्रसाद के नाम प्रस्तावित हैं। खुले मंच का छंदबद्ध संचालन दीपक वर्मा ‘दीप’ करेंगे एवं धन्यवाद ज्ञापन नवीन अग्रवाल के दोहों द्वारा किया जाएगा।

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