आनंद मार्ग की ओर से पटमदा में बांटे गए फलदार पौधे
नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़-पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं

जमशेदपुर : आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स जमशेदपुर की ओर  से सिंह सरदार टोला, पटमदा बाजार के ग्रामीण क्षेत्र  के ग्रामीणों के बीच पृथ्वी बचाओ अभियान के तहत फलदार पौधों अमरूद, नींबू , कटहल एवं  अनार का वितरण किया गया। साथ ही साथ ग्रामीणों को पर्यावरण बचाने का शपथ भी कराया गया ।
आनंद मार्ग यूनिवर्सल रिलीफ टीम ग्लोबल एवं  प्रीवेंशन आफ क्रुएलिटी टू एनिमल्स एंड प्लांट्स (PCAP)जमशेदपुर की ओर से  पिछले 15 सालों से आज तक लगभग 1लाख 50 हजार से भी ज्यादा पौधा का निशुल्क वितरण किया जा चुका है
 आनंद मार्ग के सुनील आंनद का कहना  है कि  फलदार पेड़ों का रोपण करने से पर्यावरण को तो लाभ पहुंचता ही है साथ ही साथ समाज से गरीबी भी कम होती है ,इससे धन का उपार्जन किया जा सकता है , इसलिए ज्यादा से ज्यादा फलदार पौधे का रोपण करना जरूरी है। जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ।इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है । नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं । हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए  तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है। पृथ्वी पर ऑक्सीजन की मात्रा को संतुलित रखने के लिए आनंद मार्ग की ओर से बांटे गए हर तरह के पौधे।
आनंद मार्ग का कहना है कि अगर पृथ्वी को बचाना है तो पेड़ लगाना ही होगा । जब तक हम पेड़ पौधों एवं जीव ,जंतु को अपने परिवार का सदस्य के रूप में स्वीकार नहीं किया करेंगे तब तक प्रकृति का कल्याण संभव नहीं है ,इसलिए नव्य -मानवतावादी विचारधारा से समाज का कल्याण संभव है ।नव्य मानवतावाद बताता है कि इस पृथ्वी पर मनुष्य ही नहीं अनेक प्रकार के पेड़ ,पौधे जीव जंतु इस पृथ्वी रूपी परिवार के सदस्य हैं ,हम इस पृथ्वी के बुद्धिमान जीव होने के नाते हमारा कर्तव्य बनता है कि सभी को परिवार सदस्य के रूप में स्वीकार किया जाए ।मनुष्य का परम आदर्श नव्य- मानवतावाद होना चाहिए  तभी पृथ्वी का कल्याण संभव है।
 
				
