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अरुण सिंह ने टाटा कमिंग्स में हुए असंवैधानिक समझौते को रद्द करने की मांग की

जमशेदपुर। टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन के पूर्व महामंत्री अरुण सिंह ने पूरी विधानसभा के विधायक सरयू राय से पत्र लिखकर एक मीटिंग के लिए समर्थन मांगा। तत्पश्चात डीएलसी से जाकर मिलाऔर राइट टू इनफॉर्म के आधार पर 12 अगस्त को हुए असंवैधानिक त्रिपक्षीय समझौते की कॉपी मांगी, जिस पर डीएलसी ने कहा कि समझौते की कॉपी पुणे गई है। पुणे से आने पर मिलेगी।
समझौते में हुई गड़बड़ी के बारे में उप श्रम आयुक्त को अरुण ने बताया कि पहली बार टाटा कमिंस कर्मचारी यूनियन के इतिहास में 3 साल का समझौता के बजाय 4 साल का समझौता किया गया। इसमें एसोसिएट ग्रोथ प्लान भी वैटैज लिया गया जिससे टाटा कमिंस के मजदूरों का भविष्य भी अंधकार में कर दिया गया। सेक लेवल का अधिकार भी छीन लिया गया है। यूनियन की जो कमीटी ने यह असंवैधानिक समझौता किया है उस कमेटी के चुनाव को पूर्व के डीएलसी राजेश कुमार 25 फरवरी 2022 को अमान्य घोषित किया था। इसके बावजूद वर्तमान डीएलसी ने आधार पर रजिस्टर बी में दर्ज नहीं यूनियन के साथ जाकर समझौता किया। सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश साफ है की रजिस्ट्री में दर्द यूनियन की कमेटी के साथ ही प्रबंधन त्रिपक्षीय समझौता कर सकती है, उसके बावजूद डीएलसी ने समझौते में शामिल होकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा दीया है। अरुण कुमार सिंह ने उप श्रम आयुक्त से इस समझौते को अभिलंब रद्द करने की मांग की है।

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