बैंक ऑफ इंडिया के गुहियापाल शाखा प्रबंधक और उप प्रबंधक की कार्यसंस्कृति से नाराज़ उपभोक्ताओं ने की शिकायत
कुणाल षाडंगी के हस्तक्षेप पर डीसी और बीओआई एमडी ने दिये जाँच के आदेश
बहरागोड़ा अंतर्गत गुहियापाल के बैंक ऑफ़ इंडिया शाखा से संबद्ध उपभोक्ताओं ने बैंक की सेवाओं से क्षुब्ध होकर विरोध जताया है. सैकड़ों उपभोक्ताओं ने उपायुक्त के नाम हस्ताक्षरित ज्ञापन के मार्फ़त शाखा प्रबंधक सूरज कुमार और उप प्रबंधक अंकित कुमार के विरुद्ध कई गंभीर आरोप लगाये हैं. कुछ स्थानीय उपभोक्ताओं के आग्रह पर प्रदेश भाजपा प्रवक्ता कुणाल षाडंगी ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जाँच की माँग उठाई है. अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (ट्विटर) पर उपभोक्ताओं के ज्ञापन को पोस्ट करते हुए कुणाल षाडंगी ने बैंक ऑफ़ इंडिया के एमडी रजनीश कर्नाटक सहित जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री से संज्ञान लेकर जाँचोपरांत आवश्यक कार्रवाई का आग्रह किया. कुणाल के ट्वीट पर बैंक ऑफ इंडिया के एमडी ने त्वरित संज्ञान लेकर विभागीय स्तर से आवश्यक पहल का भरोसा दिया. वहीं जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने मामले में लीड डिस्ट्रिक्ट मैनेजर (एलडीएम) को जाँच के उपरांत जरूरी कार्रवाई का निर्देश दिया है. पूर्व विधायक ने बैंक ऑफ इंडिया और जिला उपायुक्त के पहल पर विश्वास जताया कि जल्द ही उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा हेतु आवश्यक पहल होती नज़र आयेगी. मालूम हो की बड़ी संख्या में गुहियापाल स्थित बैंक ऑफ इंडिया के उपभोक्ताओं ने शाखा प्रबंधक और उप प्रबंधक की कार्यसंस्कृति के संदर्भ में लिखित आरोप लगाये हैं. उपभोक्ताओं का आरोप है कि शाखा प्रबंधक और उनके सहयोगी उपभोक्ताओं को बेवजह परेशान करते हैं. मेडिकल इमर्जेंसी से जूझ रहे परिजनों की मदद के लिए बैंक आने वाले उपभोक्ताओं को इंटरनेट सुविधा नहीं होने का बहाना दिया जाता है. अपने परिजनों तक मेडिकल ख़र्चे के लिए राशि भेजने पर शाखा प्रबंधक एक तय राशि अपने कमीशन के लिए काट लेते हैं. वहीं लोन रीकवरी के लिए उद्दंड प्रवृत्ति के लोगों को नियुक्त किया गया है जो उपभोक्ताओं संग दुर्व्यवहार करते हैं. राष्ट्रीय स्तर के बैंक को इस तरह की गुंडागर्दी शोभा नहीं देती. बुजुर्गों को पेंशन भुगतान करने में गुहियापाल शाखा बेहद परेशान करते हैं और अनावश्यक दौड़ाते हैं. इसके अतिरिक्त कई और आरोप हैं जिनपर जाँच की माँग उठी है. इधर कुणाल षाडंगी के हस्तक्षेप के बाद बीओआई और डीसी के स्तर से जाँच का आश्वासन मिलने पर उपभोक्ताओं में उम्मीद जगी है.