बिहारियों के अपमान पर पहले मुख्यमंत्री माँगें माफ़ी : अंकित आनंद
जमशेदपुर; विश्व भोजपुरी विकास परिषद एवं आजसू पार्टी के नेता अप्पु तिवारी की गिरफ्तारी की माँग को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के कतिपय नेताओं द्वारा पुलिस कप्तान पर बनाये जा रहे दबाव को हास्यास्पद बताते हुए पूर्व भाजपा जिला प्रवक्ता अंकित आनंद ने ऐतराज जताया है। अंकित ने रविवार को जारी एक बयान में बताया कि अप्पु तिवारी ने सीएम हेमंत सोरेन के उस बयान का विरोध किया था जिसमें उन्होंने भोजपुरी और मगही भाषियों के विरुद्ध नफ़रत भरी टिप्पणी एक मीडिया इंटरव्यू के दौरान किया था। इसी का विरोध जताते हुए अप्पु तिवारी ने कथित तौर पर कुछ गलत शब्दों का प्रयोग किया था। किंतु अखबारों के माध्यम से सार्वजनिक तौर पर अफ़सोस भी जताया है। यह बिहारियों का संस्कार है कि वे किसी विषय को तूल देकर अनावश्यक विवाद नहीं बढ़ाना चाहतें। दूसरी ओर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सार्वजनिक तौर पर भोजपुरी, मगही भाषी बिहारियों को दबंग, दुष्कर्मी बताकर अपमानित करने का काम किया है। छठ महापर्व से पहले हेमंत सोरेन और झारखंड मुक्ति मोर्चा को इस बयान के लिए माफ़ी माँगनी चाहिए। अंकित आनंद ने झामुमो के वैसे नेताओं पर भी तंज कसा जो इस प्रकरण के बहाने अपनी सियासी दुकानदारी चलाना चाहते हैं। कहा कि कुछ “फ्यूज़ बल्बों की झालर” दीपावली से पहले अखबारों में छपने के लिए दो सामुदायों के बीच नफ़रत भड़काने के लिए इस शांत हुए प्रकरण को पुनः ताज़ा करने की जुग्गत में जुटे हैं। यह आग में घी डालने के समान है। अंकित ने कहा कि बेहतर होता कि बिहारी और भोजपुरी समाज की शान अप्पु तिवारी की गिरफ्तारी की माँग करने वाले लोग पहले न्यायालय में केस की प्रगति की जानकारी रखें, उसके बाद सियासत चमकायें। अंकित ने सुझाव दिया कि बुजुर्ग नेताओं को नवसीखियों की तरह आचरण करने से परहेज़ करनी चाहिए।