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विधायक सरयू राय ने चांडिल रेलवे साईडींग में हो रहे प्रदुषण का जायजा लिया

जमशेदपुर/राँची । प्रदूषण मुक्ति अभियान समिति, चांडिल, जिला सरायकेला-खरसाँवा के बुलावे पर विधायक सरयूराय बुधवार को 11.30 बजे चांडिल रेलवे स्टेषन के समानन्तर कोयला और लौह अयस्क की रेलवे साईडिंग से हो रहे प्रदूषण का अवलोकन करने चांडिल रेलवे स्टेषन पर गए। उनके साथ प्रदूषण मुक्ति अभियान समनव्य समिति के दो दर्जन से अधिक महिला और पुरूष कार्यकर्ता वहाँ मौजूद थे।
समन्वय समिति लम्बे समय से रेलवे साईडिंग से हो रहे प्रदूषण के विरूद्ध संघर्ष कर रही है। उन्होंने झारखण्ड उच्च न्यायालय में भी मुकदमा (W.P.(PIL) No. 1944 of 2019) किया था, जिसका निर्णय माननीय झारखण्ड उच्च न्यायालय ने 15 जनवरी, 2021 को दिया। समन्वय समिति के श्री प्रमोद कुमार शर्मा द्वारा दायर यह मुकदमा इस आधार पर खारिज हो गया कि झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने चांडिल रेलवे स्टेषन पर रेलवे साईडिंग स्थापित करने के लिए सहमति (एनओसी) दिया है। रेलवे साईडिंग स्थापित करने के लिए जो नियम है, उन नियमों के आधार पर चांडिल रेलवे स्टेषन के समीप रेलवे साईडिंग के लिए झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा सहमति (एनओसी) देना गलत है। झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सहमति की जो शर्त्तें उल्लेखित की है, उनका भी पालन रेलवे साईडिंग के संचालक नहीं कर रहे हैं। रेलवे साईडिंग स्थापित करने के लिए जो नियम है, उनके अनुसार:-
1. वह स्थान स्कूल/कॉलेज, अस्पताल से कम से कम 500 मीटर की दूरी पर होनी चाहिए। परन्तु चांडिल रेलवे स्टेषन के पास ही रेलवे का अस्पताल चल रहा है और उससे महज 100 मीटर की दूरी पर एक अपर प्राईमरी सरकारी स्कूल चल रहा है। इस आधार पर वहाँ रेलवे साईडिंग स्थापित करने का एनओसी झारखण्ड राज्य प्रदूषण पर्षद को नहीं देना चाहिए था।
2. इसके साथ ही साईडिंग से 100 मीटर के भीतर कोई आबादी नहीं होनी चाहिए। परन्तु रेलवे स्टेशन और चांडिल बाजार के बीच अनेकों रिहायषी भवन, मकान बने हुए हैं।
3. इसी तरह से वन और रेलवे साईडिंग के बीच की दूरी कम से कम 200 मीटर होनी चाहिए। परन्तु यह साईडिंग दलमा इको सेंसेटिव जोन की तलहटी पर स्थापित है।
4. इसी तरह रेलवे साईडिंग की दूरी रेलवे लाईन से कम से कम 50 मीटर होनी चाहिए। परन्तु रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नम्बर 4 के बगल की लूपलाईन पर ही रेलवे साईडिंग स्थापित कर दिया गया है।
उपर्युक्त सभी दिषा-निर्देष झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के प्रस्ताव संख्या-3369, दिनांक 16.02.2008 में निहित है। इसके बावजूद झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने यहाँ रेलवे साईडिंग स्थापित करने पर अपना सहमति दिया। उल्लेखनीय है कि झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की दिनांक 19.04.2011 को सम्पन्न 22वीं बैठक की एजेंडा संख्या-8 में लिये गये निर्णयों को अधिसूचना संख्या-4, दिनांक 03.05.2011 में प्रकाशित किया गया है। इसमें भी उपर्युक्त दिषा-निर्देष को दोहराया गया है और बताया गया है कि रेलवे साईडिंग से स्कूल, अस्पताल, रेलवे लाईन, सड़क, आबादी की दूरी कितनी होनी चाहिए। इसकी प्रतिलिपि झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने ज्ञापांक-3444, दिनांक 22.05.2013 के द्वारा राज्य के सभी उपायुक्त, सभी वन प्रमंडल पदाधिकारी, सभी जिला खनन पदाधिकारी को सूचनार्थ भेजा है। परन्तु आश्चर्य है कि इसके बावजूद चांडिल रेलवे स्टेषन के समानन्तर लाईन के बगल में रेलवे साईडिंग स्थापित करने की सहमति झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने कैसे दे दिया ?
झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने अपने पत्रांक JSPCB/RO/JSR/CTO-760838/2017/94, दिनांक 08.05.2017 द्वारा पुनः अपनी सहमति को दोहराया और उसमें कई शर्त्तें डाली हैं। झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने सामान्य रूप से 14 शर्त्त और विषिष्ट रूप से 11 शर्त्तें अपने सहमति पत्र में डाला है। मैंने पूरे प्लेटफॉर्म पर घूमकर देखा तो उसमें किसी भी शर्त्त का अनुपालन रेलवे साईडिंग के संचालक के द्वारा नहीं किया जा रहा है।
मैं झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से माँग करता हूँ कि चांडिल रेलवे साईडिंग के प्लेटफॉर्म के समानन्तर की रेलवे लाईन पर कोयला और लौह अयस्क की लोडिंग-अनलोडिंग के लिए रेलवे साईडिंग स्थापित करने की जो सहमति दिया है, उसे अविलम्ब वापस ले, कारण कि यह सहमति नियम विरूद्ध है।
यदि 15 दिनांें के भीतर झारखण्ड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रेलवे साईडिंग स्थापित करने के लिए दी गई सहमति वापस नहीं लेती है तो इस मामले को राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के समक्ष दायर किया जायेगा।

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