बारीडीह गुरुद्वारा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का प्रकाश पर्व मना श्री गुरु ग्रंथ साहिब सांझी विरासत का प्रतीक : सुखविंदर
जमशेदपुर: बारीडीह गुरुद्वारा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश के 417 वें प्रकाश पर्व पर महासचिव सुखविंदर सिंह ने गुरु ग्रंथ साहिब जी का संदेश देते हुए कहा कि यह भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व की सांझी विरासत का प्रतीक है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी किसी गुरु की जीवन गाथा नहीं है बल्कि परमपिता परमेश्वर निराकार ब्रह्म की उपासना है और यह सीधे ईश्वर से मनुष्य को जोड़ता है। इसमें सिख गुरुओं के साथ ही हिंदू भक्तों एवं मुस्लिम पीर फकीरों की वाणी संकलित है जो साफ संदेश देती है कि मनुष्य और मनुष्य के बीच में किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करना है। गुरु गोविंद सिंह जी ने इसे जीवंत गुरु के रूप में मान्यता देकर आने वाले भविष्य में एक होने का मार्ग प्रशस्त किया। वे स्त्री सत्संग सभा द्वारा आयोजित प्रकाश पर्व पर दिवस की महत्ता पर रोशनी डाल रहे थे।
स्त्री सत्संग सभा के प्रधान बीबी मनजीत कौर की ओर से गुरु घर के वजीर ग्रंथी बाबा निरंजन सिंह, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महिला नेता बीबी कमलजीत कौर, नरेंद्र कौर, महेंद्र कौर, सतनाम कौर, नरेंद्र कौर, निर्मल कौर, रविंदर कौर बलविंदर कौर, निर्मल कौर को सिरोपा देकर सम्मानित किया गया।
प्रधान जसपाल सिंह के साथ ही चेयरमैन मोहन सिंह, कैसियर खुशविंदर पाल सिंह, अवतार सिंह सतनाम सिंह अवतार सिंह सोखी सुरजीत सिंह सविंदर सिंह प्रदीप सिंह कश्मीर सिंह सुरेंद्र सिंह पाल सिंह आदि का सराहनीय योगदान रहा।