प्रयागराज 52 संसदीय क्षेत्र से उज्ज्वल रमण सिंह के पाला बदलने से भाजपा से नीलम उदय भान करवरिया को प्रत्यासी बनाये जाने की मांग हुई तेज
नेहा तिवारी
प्रयागराज लोकसभा चुनाव में कांग्रेस से उज्ज्वल रमण सिंह के आने से भाजपा खेमे में हलचल मच गई हैं ।लोगों में चर्चा है कि गठबंधन से उज्ज्वल रमण सिंह भाजपा को कड़ी टक्कर देगे। ऐसे में भाजपा को प्रयागराज लोकसभा सीट पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए नीलम करवरिया को प्रत्याशी धोषित किये जाने की मांग तेज हो गई है।बता दें कि जन सेवा में निरंतर क्षेत्र में बनी रहने वाली मेजा की पूर्व विधायक नीलम करवरिया पर भाजपा शीर्ष नेतृत्व को गहराई से विचार करना चाहिए आपको बता दें कि शीर्ष नेतृत्व में नीलम करवरिया का नाम गया है और बहुत जल्द टिकट भी धोषित होने की संभावना है।अब बात आती है कि उज्ज्वल रमण सिंह के आने से नीलम करवरिया को प्रत्याशी बनाये जाने की मांग क्यो तेज हो गई।बता दें कि प्रदेश के जमीनी और कद्दावर नेता कुँवर रेवती रमण सिंह के पुत्र व प्रदेश के पूर्व मंत्री रहे उज्ज्वल रमण सिंह को लखनऊ में प्रदेश कांग्रेस नेताओं के सामने अपने सैकड़ों समर्थन के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए। उज्ज्वल रमण सिंह के पाला बदलने से निश्चित ही प्रयागराज में कांग्रेस मुख्य लड़ाई में होगी, क्योकि उज्ज्वल रमण सिंह इंडिया के प्रत्याशी भी होंगे।गठबंधन के नेता सपा का समर्थन भी होगे।कुँवर परिवार को राजनीति गलियारे में सपा का मजबूत स्तंम्भ माना जाता रहा है क्योंकि इनकी जमीनी पकड़ अभी तक बरकरार है। पेशे से अधिवक्ता उज्ज्वल रमण सिंह ने 2004 में पहली बार सपा के टिकट करछना विधानसभा क्षेत्र से सदस्य विधानसभा चुने गए थे। प्रदेश की अखिलेश सरकार में 2005 में पर्यावरण मंत्री बनाये गये।वर्ष 2012 में श्री सिंह को बीज विकास निगम का अध्यक्ष बना कर दर्जा प्राप्त मंत्री बनाया गया।2012 के विधान सभा चुनाव में उन्हें शिकस्त मिली लेकिन 2017 के चुनाव में एक बार फिर जीत दर्ज की 2022 के विधानसभा चुनाव में उज्ज्वल रमण सिंह को कम वोटो से हार का सामना करना पड़ा।
वही मेजा की पूर्व विधायक नीलम करवरिया एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती है जिनका प्रयागराज में ही नही बल्कि प्रयागराज मंडल के कई जिलों में आज़ादी के समय से ही वर्चस्व रहा है।