प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना से संबंधित एक दिवसीय कार्यशाला
जिला परिषद अध्यक्ष, निदेशक एनईपी, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधि, प्रगतिशील किसान व अन्य स्टेक होल्डर हुए शामिल
जमशेदपुर। समाहरणालय सभागार, जमशेदपुर में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना के तहत कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से जिला परिषद अध्यक्ष श्रीमती बारी मुर्मू, निदेशक एनईपी श्रीमती ज्योत्सना सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र श्री शंभू शरण बैठा, इंडस्ट्री एसोसिएशन के कई प्रतिनिधि, जेएसएलपीएस डीपीएम, नगर निकायों के सिटी मिशन मैनेजर, सभी जिला बैंक समन्वयक, सिंहभूम चैंबर, जमशेदपुर चैंबर, TICCI, DICCI के प्रतिनिधि, श्री प्रकाश रंजन-SPMU रांची के प्रतिनिधि शामिल हुए । श्री रंजन ने योजना के उद्देश्य, परीव्यय, कार्यक्रम अव्यय, निजी सूक्ष्म उद्योगों को सहायता, निजी सूक्ष्म उद्योग के लिए आवश्यक पात्रता, निजी शिक्षण उद्योगों के लिए चयन प्रक्रिया, किसान उत्पादक संगठन/उत्पादक सहकारिता को सहायता, सहकारिता के लिए आवश्यक पात्रता, स्वयं सहायता ग्रुप को सहायता एवं विभिन्न बिंदुओं के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई।
कार्यशाला में योजना से संबंधित विभागों व जिला के उद्यमियों व प्रगतिशील किसानों को योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सरकार द्वारा आत्म निर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई पीएम-एफएमई योजना किसानों व छोटे उद्योगपतियों के जीवन स्तर को ऊपर उठाने का काम करेगी। योजना के तहत लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए ऋण की पूंजी पर 35 फीसद तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा खाद्य प्रसंस्करण के लिए मुफ्त प्रशिक्षण दिया जाएगा।
इस संबंध में महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र श्री शंभूशरण बैठा ने कहा कि कार्यशाला का मुख्य उद्देश जिले में स्थित छोटे-छोटे माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट को एक अंब्रेला के अंदर लाकर इच्छुक कारोबारियों को योजना के तहत ऋण प्रदान कर मार्केटिंग को बढ़ावा दिया जाना है। योजना के तहत खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में किसान उत्पादक संगठन व व्यक्तिगत औद्योगिक इकाइयां स्थापित की जा सकती है। इस योजना के तहत नए व मौजूदा व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्योगों को बढ़ावा देना है। योजना के तहत ऋण पूंजी पर 35 प्रतिशत सब्सिडी जो अधिकतम 10 लाख रुपये तक हो सकती है। एफपीओ, एसएचजी, सहकारी समिति को भी ऋण पूंजी पर 35 फीसद की सब्सिडी मिल सकती है।