पश्चिमी सिंहभूम जिला के बालू घाटों के बंदोबस्ती नही होने के कारण बेरोजगार ट्रैक्टर चालकों को आर्थिक नुकसान होने एवं अबुवा आवास योजना के लाभुकों को घर बनाने में हो रही परेशानी
चाईबासा।पश्चिमी सिंहभूम जिला के बालू घाटों के बंदोबस्ती नही होने के कारण बेरोजगार ट्रैक्टर चालकों को आर्थिक नुकसान होने एवं अबुवा आवास योजना के लाभुकों को घर बनाने में होने वाली समस्या को लेकर मंझारी प्रखंड के जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल ने जिला के उपायुक्त कुलदीप चौधरी को जिला के तमाम बालू घाटों को चिन्हित कर बंदोबस्ती करनी की मांग रखी।आवेदन को प्रतिलिपी मुख्यमंत्री झारखंड सरकार और मुख्य सचिव को भी भेजी गई। माधव चंद्र कुंकल ने कहा की बालू घाटों के बंदोबस्ती नही होने के बावजूद हर दिन सरकार के द्वारा संचालित पुल,पुलिया,सरकारी भवन,पी०सी०सी सड़क इत्यादि का निर्माण कार्य चल रहा है और हर दिन सरकारी योजनाओं का निविदा भी निकल रही है।बिना बालू के सरकारी योजनाओं का संचालन करना संभव भी नही है। अबुवा आवास योजना झारखंड सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है लेकिन बालू घाटों के निविदा नही होने के कारण आवास के लाभुकों को भी आवास निर्माण में परेशानी आ रही है। बहुत से बेरोजगार युवक मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के माध्यम से किस्ती में ट्रैक्टर गाड़ी खरीदे है ताकि ट्रैक्टर के माध्यम से स्वरोजगार कर सके लेकिन विगत 5 सालों से बालू घाटों के बंदोबस्ती नही होने से बेरोजगार ट्रैक्टर चालकों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है और परिवार में भुखमरी की स्तिथि उत्पन्न हो रही है।माधव चंद्र कुंकल ने कहा की जिला के उपायुक्त महोदय को बालू की उपलब्धता हेतु वैकल्पिक रास्ता निकालना चाहिए ताकि आमजन,ट्रैक्टर के माध्यम से रोजगार कर रहे लोगों को राहत मिल सके।मौके पर मोती बिरुवा,अरिल सोए,मुकेश कुमार दास,मनोज निषाद,अनिल देवगम,चांद सिंह कुंकल, दामोदर कालुंडिया,विक्रम सुंडी,सुभाष कालुंडिया, भोंज देवगम,सावन कुमार दास, चोकरो बिरुवा आदि उपस्थित थे।