जमशेदपुर । अपने लिए तो हर कोई जीता है, लेकिन समाज के लिए जीना भी एक तपस्या है। क्योंकि समाज सेवा से बड़ा कोई भी धर्म नहीं है। इसका मौका भी हर किसी को नहीं मिलता। भगवान यदि किसी को इस लायक बनाता है तो उसे हर हाल में जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए। अपने इसी सोच और
विश्वास के साथ मैं पप्पू सिंह व मेरी 20 लोगों की टीम जमशेदपुर से क़रीब 300 किमी दूर कोलकाता पहुँची। यहाँ से जमशेदपुर और झारखण्ड के क़रीब 3,000 आजमीन हज यात्रा पर रवाना होंगे। यहाँ जमशेदपुर के सभी आज़मीनों को पिछले तीन दिनों से भोजन कराया व उनका आशीर्वाद लिया। ईश्वर यूँ ही हमें हिम्मत व बरक्कत दे, ताकि अधिक से अधिक लोगों की सेवा कर सकूँ। समाज सेवा का कोई अंत नहीं है। समाज सेवा से बड़ा कोई धर्म भी नहीं है।