नानकशाही जमीन हरिमंदिर साहब प्रबंधन को दी जाए : इंदरजीत
रजौली के एसडीओ और एलआरडीसी से मिला प्रतिनिधिमंडल
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जमशेदपुर। बिहार के रजौली में ऐतिहासिक नानकशाही जमीन गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन के हवाले करने की मांग एक बार फिर उठी है।
तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब के महासचिव एवं पूर्व इंटरनेशनल साइकिलिस्ट सरदार इंद्रजीत सिंह ने इस आशय से एसडीओ एवं एलआरडीसी से मिलकर प्रबंधन की बातों को रखा है। प्रबंधन की ओर से उन्हें ज्ञापन दिया गया है और जमीन संबंधी कागजात भी सौपे गए हैं। इंदरजीत सिंह के अनुसार एसडीओ एवं एलआरडीसी ने जमीन का मुआयना कर प्रबंधन कमेटी को आश्वस्त किया है कि वे जमीन की मापी करवा कर बोर्ड को जमीन हस्तगत कराने का कार्य करेंगे। इंदरजीत सिंह के नेतृत्व में सिखों का प्रतिनिधिमंडल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं आयुक्त से मिलकर भी जमीन हस्तगत कराने का आग्रह करेगा।
सरदार इंद्रजीत सिंह के अनुसार गुरु नानक जी पहली उदासी (धार्मिक यात्रा) 1554 -1565 बिहार के पाटलिपुत्र रजौली राजगीर गया औरंगाबाद एवं अन्य स्थानों पर ठहरे थे और वहां लोगों को एक ईश्वर के साथ जोड़ने का काम किया था।
रजौली में वे साडे 4 महीने रहे और वहां उन्होंने खेती-बाड़ी भी की थी। उस समय के हुकुमरानो ने उक्त जमीन नानकशाही के नाम पर बंदोबस्त कर दी थी।
इंदरजीत सिंह के अनुसार सरकारी खतियान में भी उक्त जानकारी दर्ज है परंतु जमीन पर कुछ महंतों ने कब्जा करके रखा हुआ है।
इंद्रजीत सिंह के अनुसार प्रबंधन बोर्ड बिहार सरकार के टूरिज्म डिपार्टमेंट के साथ मिलकर यहां धार्मिक केंद्र के साथ ही स्तरीय अस्पताल अथवा उच्च शिक्षा केंद्र स्थापित करना चाहता है। इंद्रजीत सिंह ने कहा कि महंतों से भी वे आग्रह कर रहे हैं कि गुरु नानक देव जी के जो जमीन है उनके उपासना करने वालों को दे दी जाए । जिसका उपयोग समाज एवं राष्ट्र हित में किया जा सके।
एसडीओ एवं एलआरडीसी से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में बिहार गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सूरज सिंह नलवा, दिल्ली कार सेवा वाले मुखी बाबा गुरनाम सिंह, बाबा मेजर सिंह, झुमरी तलैया के बॉबी लांबा, दलजीत सिंह, समाजसेवी सुमित सिंह कलसी एवं अन्य शामिल थे।