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दिनेश लाल यादव निरहुआ, आम्रपाली की भोजपुरी फिल्म ‘फसल’ 15 मार्च को सिनेमाघरों में होगी रिलीज

भोजपुरी अभिनेता और सांसद दिनेश लाल यादव निरहुआ और आम्रपाली की देश के किसानों की दशा और दुर्दशा पर आधरित भोजपुरी फिल्म ‘फसल’ आगामी 15 मार्च को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। यह फ़िल्म महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश व बिहार के सिनेमाघरों में फुल टू धमाल मचाने वाली है।
इस फिल्म का ट्रेलर पहले ही वर्ल्डवाइड रिकॉर्ड्स भोजपुरी के ऑफिसियल यूट्यूब चैनल पर रिलीज़ किया गया था, जिसे काफी पसंद किया गया है।
फिल्म के ट्रेलर में दिखाया गया है कि दिनेश लाल यादव निरहुआ की पत्नी की भूमिका निभा रहीं आम्रपाली दूबे एक आदर्श पत्नी की तरह अपने पति से कंधे से कंधा मिलाकर चलती हैं। वह कहती हैं, ‘यह फिल्म न सिर्फ देश के किसानों के बीच जागरूकता लाएगी, बल्कि सरकारी तंत्र की आखें खोलेगी। वहीं देश की महिलाओं के लिए भी बहुत ही खूबसूरत संदेश देने की कोशिश की गई है कि एक पति के सुख-दुख की सहभागी होने के नाते पत्नी का क्या-क्या कर्त्तव्य हो सकता है।’ ट्रेलर में आगे दिखाया गया है कि खेत के लहराते फसल को देखते हुए नायिका कहती है, ‘इ फसल हमनी के चीख-चीख के कहत बा कि अब हमनी के दुख क दिन बीत गइल।’
फिल्म की कहानी में इसके बाद ट्विस्ट आता है। फिल्म ‘फसल’ के ट्रेलर में दिखाया गया है कि बिचौलिए आते हैं और फसल को बेचने की बात करते हैं। नायक मंडी में जाता है और कहता है, ‘सरकारी रेट से एक पईसा भी कम रेट में फसल नहीं बेचब।’ इसके बाद उसकी फसल को जला दिया जाता है और पूरा परिवार दाने-दाने को मोहताज हो जाता है। फिल्म के ट्रेलर में किसानों की वास्तविक स्थिति किसानों के परिवार के ऊपर पड़ने वाली प्राकृतिक मार और उससे संघर्ष की गाथा को दिखाया गया है।

ट्रेलर लिंकः https://youtu.be/cOJLGMaDTeo

श्रेयस फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के बैनर तले बनी भोजपुरी फ़िल्म फसल के निर्माता हैं प्रेम राय व निर्देशन किया है पराग पाटिल ने। फ़िल्म एक किसान की कहानी और उसके द्वारा उपजाए गए फसलों की कीमत के इर्दगिर्द की कठिनाइयों और चुनौतियों को इंगित करते हुए बनाई गई है। निरहुआ और प्रेम राय दोनों ने ही किसानों के दर्द को नजदीक से महसूस किया और देखा परखा है ऐसे में यह फ़िल्म उस मानक पर कितना खरा उतरती है यह तो आने वाले समय मे ही पता चलेगा। क्योंकि फ़िल्म के टाइटल फसल से पहले एक छोटा सा शब्द जोड़ा गया है बिना अन्न का अन्नदाता जो वाक़ई इस देश मे अन्नदाताओं की स्थिति को रूबरू कराने वाला है। फ़िल्म फसल की कहानी पराग पाटिल ने लिखी है जबकि पटकथा व सम्वाद राकेश त्रिपाठी व पराग पाटिल ने लिखा है। फ़िल्म के गीत अरविंद तिवारी, प्यारेलाल यादव , विमल बावरा व विजय चौहान ने लिखे हैं जिन्हें संगीतबद्ध किया है ओम झा व आर्या शर्मा ने, जिन्हें सुरों से सजाया है आलोक कुमार, कल्पना पटवारी, नीलकमल सिंह, प्रिया सिंह राजपूत, ममता राउत व शिल्पी राज ने। फ़िल्म फसल के सह निर्माता हैं सतीश आशवानी। फ़िल्म के सिनेमेटोग्राफी किया है साहिल जे अंसारी ने वहीं मारधाड़ का पक्ष देखा है हीरा यादव ने , फ़िल्म के आर्ट डॉयरेक्टर हैं राम यादव वहीं डांस के निर्देशक हैं संजय कोर्बे व कानू मुखर्जी। फ़िल्म फसल का संकलन किया है सन्तोष हरावड़े ने।

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