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तुलसी भवन में याद किये गए महान साहित्यकार मुक्तिबोध

जमशेदपुर। सिंहभूम जिला साहित्य सम्मेलन/तुलसी भवन द्वारा संस्थान के प्रयाग कक्ष में मुक्तिबोध जयंती सह कथा मंजरी आयोजित किया गया । जिसकी अध्यक्षता संस्थान के न्यासी श्री अरुण कुमार तिवारी तथा संचालन साहित्य समिति के सह सचिव श्री ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र ने की । इस अवसर पर स्वागत वक्तव्य संस्थान के मानद महासचिव श्री प्रसेनजित तिवारी ने दिया। उन्होंने मुक्तिबोध को हिन्दी एवं हिन्दू समाज के साहित्यकारों में अग्रणी बताया तथा धन्यवाद ज्ञापन समिति के उपाध्यक्ष श्री कैलाशनाथ शर्मा ‘गाजीपुरी’ द्वारा दिया गया।
कार्यक्रम का आरंभ सह सचिव श्रीमती नीता सागर चौधरी के सरस्वती वंदना के बाद अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन तथा माँ सरस्वती एवं श्री गजानन माधव मुक्तिबोध के चित्र पर पुष्पार्पण द्वारा किया गया।
समिति के मार्गदर्शक मण्डल के सदस्य श्रीमती नीलिमा पाण्डेय ने मुक्तिबोध के जीवन और साहित्यिक यात्रा पर प्रकाश डाला।
इसके बाद कथा मंजरी के इस मौके पर विभिन्न विषयों को स्पर्श करती हुई कुल आठ कहानियों का पाठ किया गया, जिसकी समीक्षात्मक टिप्पणी कथा पाठ के उपरान्त श्री अरुण कुमार तिवारी ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्य के दौरान की । रचनाकारों की कहानियों का विवरण इस प्रकार है :

क्रम कथाकार कहानी का शीर्षक
१) श्रीमती नीता सागर चौधरी कौन अपना,२) श्री कन्हैया लाल अग्रवाल आप बीती
३) श्रीमती सरिता सिंह कैद में, 4 श्री शीतल प्रसाद दुबे मेरी माँ, ५) श्रीमती वीणा कुमारी नंदिनी लाडला बेटा
६) श्री प्रदीप मिश्र गोबर गणेश, ७) श्री सुरेश चंद्र झा, विवाह, ८) श्री ब्रजेन्द्र नाथ मिश्र, गंगोत्री का संस्मरण

इस अवसर पर मुख्य रुप से समिति के सर्वश्री/ श्रीमती हरि किशन चावला, डॉ संजय पाठक ‘स्नेही’, विजय लक्ष्मी वेदुला, कन्हैया लाल अग्रवाल, विमल किशोर विमल, जितेश कुमार तिवारी, शिवनन्दन सिंह, हरभजन सिंह रहबर, भंजदेव देवेन्द्र कुमार व्यथित, अखिलेश कुमार दुबे एवं राजेंद्र सिंह उपस्थित रहे ।

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