FeaturedJamshedpurJharkhand

कैट ने देश भर में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट को अपनाने हेतु डिजिटल पेमेंट रेगुलेशन बोर्ड के गठन का दिया सुझाव

जमशेदपुर। भारत को कम नकद उपयोग करने वाले देश को बनाने की दिशा में रिज़र्व बैंक द्वारा हाल ही में डिजिटल-ई-रुपया जारी करने से सरकार का यह इरादा स्पष्ट है की देश में नकद के चलन को बेहद कम किया जाए और इसी के मद्देनजर, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट ) ने मास्टरकार्ड को अपने टेक्नोलॉजी पार्टनर के रूप में रखते हुए डिजिटल पेमेंट के मुद्दे पर एक राष्ट्रव्यापी अभियान ” डिजिटल भुगतान से व्यापार आसान ” कल नई दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय सेमिनार से शुरू किया गया जिसका उद्द्घाटन केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के सचिव श्री रोहित कुमार सिंह ने किया तथा मध्य प्रदेश -छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर श्री नवनीत गोयल, मास्टरकार्ड के पब्लिक पालिसी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर श्री रवि अरोरा सहित अन्य अनेक विशेषज्ञ भी शामिल हुए !

कैट ने राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन खंडेलवाल और राष्ट्रीय सचिव सुरेश सोन्थलिया ने कहा की व्यापारिक समुदाय को अपने वर्तमान व्यापार प्रारूप में डिजिटल-ई-रुपये के प्रभाव को समझना जरूरी है और यह भी जानना आवश्यक है की अब व्यवसाय में डिजिटल भुगतान को अपनाना और स्वीकार करना क्यों आवश्यक हो गया है, खासकर तब जब उपभोक्ता अपनी खरीदारी के लिए डिजिटल भुगतान को तेजी से अपना रहे हैं।इसी को बात को ध्यान में रखते हुए कैट ने यह अभियान शुरू किया है जो देश के सभी राज्यों में खासकर टियर 3 और टियर 4 शहरों में आक्रामकता के साथ कांफ्रेंस, सेमिनार, वर्कशॉप आदि के जरिये चलाया जायेगा !

इस राष्ट्रीय अभियान की श्रृंखला का श्री गणेश करते हुए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय के सचिव श्री रोहित सिंह ने कहा की व्यापारी एवं उपभोक्ता एक दूसरे के पर्याय हैं और जिस तेज़ी से देश भर के ग्राहकों विशेष रूप से युवा वर्ग में ख़रीदी व्यवहार में डिजिटल तरीक़े से सामान ख़रीदने के परिवर्तन को देखते हुए व्यापारियों को अपने व्यापार में डिजिटल तकनीक को अपनाना ज़रूरी है । डिजिटल पेमेंट को अपनाये जाने से सिस्टम में पारदर्शिता आएगी और फिर नीतियाँ और बेहतर बन सकेंगी। उन्होंने यह भी कहा की टेक्नोलॉजी के विस्तार को कोई भी नहीं रोक सकता है और किसी भी हालत में देश के व्यापार को इससे अछूता नहीं रखा जा सकता है । डिजिटल पेमेंट के बहुत फ़ायदे हैं जिनसे व्यापारी अपने व्यापार में चाहे जितना विस्तार कर सकते हैं ।

मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के सीजीएसटी, एक्साइज एवं कस्टम के चीफ कमिश्नर श्री नवनीत गोयल ने कहा की व्यापारियों द्वारा डिजिटल पेमेंट अपनाने से उनके व्यापार की एकाउंटिंग स्वतः ही हो जाएगी क्योंकि डिजिटल पेमेंट के ज़रिए सभी लेन देन रिकॉर्ड होगा और व्यापार को सही अर्थों में बढ़ाया जा सकेगा । उन्होंने कहा की डिजिटल पेमेंट के अपनाये जाने से स्वाभाविक रूप से जीएसटी राजस्व में वृद्धि होगी और ऐसा होने पर आय कर की दरों में कटौती की संभावनाएँ मजबूत होंगी

कैट ने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक भुगतान पर लगने वाला चार्ज देश में डिजिटल भुगतान को तेजी से अपनाने में प्रमुख बाधाओं में से एक है और इसलिए सरकार को 5 साल के लिए डिजिटल पेमेंट पर लगने वाले चार्ज को हटाना चाहिए लेकिन चार्ज की यह राशि बैंकों को सीधे सब्सिडी के रूप में देनी चाहिए!

दोनों व्यापारी नेताओं ने सेमिनार में यह भी कहा कि अगर सरकार डिजिटल भुगतान का उपयोग करने वाले व्यक्तियों और व्यावसायिक संस्थाओं के लिए एक व्यापक प्रोत्साहन नीति तैयार करनी चाहिए वहीं सरकार को एक डिजिटल भुगतान प्रोत्साहन बोर्ड बनाने का भी सुझाव दिया है जिसमें वरिष्ठ अधिकारी और व्यापारियों और उपभोक्ताओं के प्रतिनिधि शामिल हैं

सोन्थलिया ने याद दिलाया कि सरकार ने अगस्त, 2015 में एक प्रोत्साहन प्रस्ताव का मसौदा तैयार किया था जिसमें कुछ कर लाभों और बैंकों द्वारा वसूले जाने वाले लेन-देन की लागत से छूट का उल्लेख है। सरकार से उक्त प्रस्तावों को लागू करने का आग्रह करते हुए कैट ने कहा कि डिजिटल भुगतान के माध्यम से व्यापार लेनदेन में भुगतान स्वीकार करने वाले दुकानदारों को प्रोत्साहन प्रदान करने का प्रस्ताव व्यापारियों को ई-भुगतान प्रणाली को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगा। भारत के भुगतान परिदृश्य के संदर्भ में यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) की एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया है कि भारत में लगभग 97% खुदरा लेनदेन नकद में किया जाता है जबकि केवल 11% उपभोक्ता भुगतान के लिए डेबिट कार्ड का उपयोग करते हैं और केवल 6% व्यापारी भारत में इलेक्ट्रॉनिक भुगतान स्वीकार करते हैं। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि 82% ग्राहक मोबाइल के माध्यम से लेनदेन करने के बारे में अनजान हैं जबकि लगभग 79% ग्राहक ऑनलाइन बैंकिंग के बारे में अनजान हैं। करीब 89 फीसदी व्यापारी डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के पक्ष में हैं। इसलिए देश में डिजिटल पेमेंट के बारे में एक व्यापक अभियान चलाया जाना बेहद जरूरी है !

Related Articles

Back to top button