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मुखे को झटका, याचिका खारिज राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय में अब होगी सुनवाई

जमशेदपुर। सिख प्रतिनिधि सभा बोर्ड के अध्यक्ष गुरचरण सिंह बिल्ला पर जानलेवा हमला कराने की साजिश रचने के आरोपी एवं सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गुरमुख सिंह मुखे को गुरुवार को जिला एवं सत्र न्यायालय के एक फैसले से झटका लगा है। गुरमुख सिंह के मामले की सुनवाई अब पूर्वतः न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा चतुर्थ अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में ही होगी और अब आरोप गठन की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा के न्यायालय में गुरमुख सिंह मुखे, टीनप्लेट गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान तरसेम सिंह सैनी के भाई अमरजीत सिंह अंबे सहित अन्य आरोपियों पर आरोप गठन होना है।
आरोप गठन होने से पहले ही गुरमुख सिंह की ओर से वरीय अधिवक्ता केएम सिंह की ओर से अदालत में अर्जी दी गई कि इंसाफ नहीं मिल पाएगा। ऐसे में किसी अन्य न्यायालय में सुनवाई स्थानांतरित कर दी जाए। इस मामले में दिसंबर 2021 में याचिका प्रथम प्रधान सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में दाखिल की गई। उभय पक्ष को सुनने के उपरांत प्रथम प्रधान सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में गुरुवार को फैसला देते हुए गुरमुख सिंह की याचिका खारिज कर दी गई।
9 नवंबर 2019 की सुबह 4:00 बजे अन्य दिनों की भांति सरदार गुरचरण सिंह बिल्ला एवं उनकी पत्नी गुरप्रीत कौर सीतारामडेरा गुरुद्वारा मत्था टेकने जा रहे थे। तभी उन्होंने देखा कि एक बोलेरो गाड़ी आई और उन्हें देखकर तेजी से बैक करते हुए वापस लौट गई। जब बिरला एवं उनकी पत्नी आदिवासी उच्च विद्यालय के निकट पहुंचे तो वहां तीन मोटरसाइकिल पहुंचा जिस पर दो दो व्यक्ति सवार थे। एक मोटरसाइकिल पर सवार व्यक्ति पति को रोका उसके हाथ में पिस्टल थी और उसने गोली चलानी चाहिए तो बिल्ला ने झटका दिया और बचने के लिए भागा। हमलावरों ने घेर लिया और उन्हें तीन गोलियां मारी और भाग गए। हमलावरों ने कहा कि तुम अमरजीत अबे और गुरमुख सिंह से ज्यादा उलझ रहे हो। समय पर इलाज होने से बिल्ला की जान बच गई।
इस मामले में बलवीर सिंह बल्ली को भी आरोपित किया गया था।

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