डीएमएफटी से स्वीकृत योजना में ठेकेदार दे रहे फर्जी प्रमाणपत्र
गुमुरिया में पक्का नाली का निर्माण के ठेकेदार के शिक्षा प्रमाण पत्र अभियंता का हस्ताक्षर ही नहीं
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संतोष वर्मा
चाईबासा। अभियंताओं की असैनिक शिक्षा प्रमाण पत्र को आधार बनाकर अभियंताओं का फर्जी शपथ पत्र निविदा में देने का मामला सामने आने के बाद कार्यकारी एजेंसी गहन जांच में जुटी है, साथ ही संवेदक की गलती पकड़े जाने पर दंडनात्मक करवाई भी करेंगें, यह मामला लघु सिंचाई प्रमंडल चाईबासा का है। डीएमएफटी अंतर्गत स्वीकृत गुमुरिया में पक्का नाली का निर्माण में यासिर रजा संवेदक के द्वारा अभियंता के द्वारा गलत शपथ पत्र यानी जिस संवेदक का शिक्षा प्रमाण पत्र लगाया है, उस अभियंता का हस्ताक्षर ही नहीं है।इसकी जांच के लिए उपायुक्त को एक सामाजिक संगठन के द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है। इस तरह का मामला सभी निविदा में संवेदकों के द्वारा दिए जाने की भी सूचना प्राप्त हो रही है। कई संवेदक तो ऐसे हैं जो एक अभियंता का असैनिक शिक्षा प्रमाण पत्र को निविदा सामग्री में दर्शाया गया है, जिसके आधार पर कार्य आवंटित भी किया गया है, जो जांच का विषय है।उल्लेखनीय है कि लघु सिंचाई प्रमंडल में संवेदक ने अभियंता के असैनिक शिक्षा प्रमाण को आधार बनाकर अभियंता का फर्जी शपथ पत्र देने की शिकायत किया है. निविदा शर्त में अभियंता की शपथ पत्र को देना अनिवार्य होता है. अधिक्षण अभियंता के कार्यालय सहायक सह कनीय अभियंता सुजीत के द्वारा संवेदकों के साथ सांठगांठ कर निविदा की सीएस अनुमोदन में भारी गड़बड़ी किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है।ठेकेदार यासिर रजा के द्वारा निविदा सामग्री में गड़बड़ी करने की जांच की मांग की गई है। एक करोड़ तक की निविदा में मुख्य अभियंता की भूमिका भी संदेह के घेरे में। सूत्रों के अनुसार एक करोड़ तक की निविदा में फेल को पास बनाने के एवज में 4 फीसदी कमीशन वसूली किए जाने की सूचना है। एक करोड़ से अधिक की निविदा में भी फेल को पास किए जाने की जांच की आवश्यकता है। मुख्य अभियंता के द्वारा की जा रही निविदा निष्पादन भी संदेह के घेरे में है।