झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विकृत मानसिकता वाले मानसिक दिवालियापन के शिकार है। आज मगही और भोजपुरी भाषा को लेकर जिस प्रकार का उन्होंने जो बयान दिया है हम उसकी निंदा करते हैं : राकेश सिंह
जमशेदपुर;झारखंड सरकार के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज मगही और भोजपुरी भाषा को लेकर जिस प्रकार का उन्होंने बयान दिया है वो उनके मानासिक रूप से विकृति होना दर्शाता है,
झारखंड मुक्ति मोर्चा हमेशा अपनी राजनैतिक रोटी सेकने के लिए इसी तरह का उलुल जुलुल बयान बाजी करते है,राज्य की जनता के बीच विद्धेश फैलाते और अपनी उल्लू सीधा करते हैं कभी बिहारियों को गाली देते हैं तो कभी बिहारियों के पैर पकड़ लेते हैं ।आज उनके दल में जो मगही ,भोजपुरी के लोग हैं उन्हें आत्म मंथन करना होगा कि हमें इस स्थिति में इस सरकार के साथ में रहना है या नहीं ।
जब जब राज्य मे झारखंड मुक्ति मोर्चा की सरकार बनी,राज्य के मुल भुत मुद्दे से आम जनो का ध्यान हटाने हेतु इसी तरह की बयान बाजी की जाती है ,हम इस बयान की कडे शब्दों मे निंदा करते है और राज्य के मुख्यमंत्री को चेताना चाहते है अपने शब्दों पे लगाम लगाओ नहीं तो परिणाम भयानक होगा ।
हेमंत सोरेन जी कभी आप हिन्दी को हटा कर उर्दू को अपनाते है ,तो कभी भोजपुरी मगही के लिए अपमान जनक शब्दों का प्रयोग करते,ये कैसा शासन चला रहे है आप ,जहाँ राष्ट्रभाषा सहित राष्ट्र की अन्य बहुत क्षेत्रीय भाषाओं का सम्मान नही।
इस प्रकार का बयान देना दुर्भावना से प्रेरित है यह सभी लोग जात के नाम पर पात के नाम पर पूरे झारखंड को जलाना चाहते हैं भोजपुरी और मगही बिहार एवं झारखंड की आत्मा की भाषा है।
झारखंड के अंदर ही एक करोड़ लोग हैं जो मगही और भोजपुरी बोलते हे, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है ।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अब लोगों को दिग्भ्रमित कर रहे है। यह सरकार पूरे राज्य में अराजकता फैलाना चाहती है जिसे हम सभी लोग डट कर विरोध करेंगे।।