झारखंड में जातिगत सर्वेक्षण से कोई लाभ नहीं होने वाला है : राजीव रंजन सिंह
जमशेदपुर।झारखंड सरकार द्वारा जातिगत सर्वेक्षण के निर्णय पर भाजपा नेता राजीव रंजन सिंह (सेवानिवृत आईपीएस) ने पटना उच्च न्यायालय द्वारा नीतिगत निर्णय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि बिहार सरकार द्वारा 9 नवंबर 2023 को जातिगत जनगणना के आधार पर एस.सी, एस.टी, ई.वी.एस के आरक्षण सीमा को 50%से बढ़ा कर 65% किया गया था, इस पर पटना उच्च न्यायालय ने संविधान के विरुद्ध और धारा 14,15 और 16 का उल्लंघन करार करते हुए रद्द कर दिया गया है।
श्री सिंह ने झारखंड सरकार के मुखिया को इस मामले को देखते हुए गंभीरता से विचार करने का सलाह देते कहा है कि जाति सर्वेक्षण से झारखंड में कोई लाभ नहीं होने वाला है। इसे हमारी बगल के राज्य में अमान्य कर दिया है कानून के आधार पर।
जाती जनगणना,बाहरी भीतरी के चक्कर को छोड़ कर झारखंड के विकास पर ध्यान आकर्षित ज्यादा लाभदायक होगा,क्युकी झारखंड राज्य विकसित होगा तभी यहां रहने वाले सभी जातियों का विकास होगा। पहले ही यहां के लोग आदिवासी और गैर आदिवासी, बाहरी भीतरी जैसी भावना युवा वर्ग आ गई है,इससे और दूरियां बढ़ेगी ही।