झारखंड के मुख्यमंत्री उठ पाटंग बयान देकर सुर्खी बटोरना बंद करें;अमित पाठक
झारखंड के मुख्यमंत्री उठ पाटंग बयान देकर उठ पाटंग कार्य कर सुर्खी बटोरना चाह रहे ये बंद करें, ये झारखंड के हित में कतई नहीं हैं, रोजगार के मुद्दे की जब बात आती हैं तो नामाज कक्ष आवंटित कर मुद्दे को भटकाने का प्रयास करते हैं, अब जब नियोजन नीति ना बना पाने पर घिरती सरकार भोजपुरी और मगही भाषा बोलने वालों को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही है
मुख्यमंत्री ने कहा भोजपुरी और मगही बोलने वाले डॉमिनेटिंग होते है तो जरा बताए जब इतने ही डॉमिनेटिंग थे तो अलग झारखंड राज्य कैसे मिला? और जिस पार्टी ने विरोध किया उसके साथ गठबंधन की सरकार क्यों चला रही पार्टी? ऐसा दोमूंहापन लेकर चल रही सरकार, भोजपुरी और मगही से इतना द्वेष है तो गठबंधन कब तोड़ेंगी?
झारखंड के मुख्यमंत्री ने कहा है भोजपुरी, मगही को तरजीह देने से झारखंड का बिहारीकरण होगा तो जरा मुख्यमंत्री जी ये बताने का कष्ट करें की क्या उर्दू को तरजीह देने से पाकिस्तानीकरण नहीं होगा?
राष्ट्रीय जनता दल, झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ गठबंधन वाली सरकार मुख्यमंत्री जी के भोजपुरी और मगही पर द्वेष जाहिर करती बयान पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें।