जीजा जी की सालियों ने नया तरीका ढूंढ निकाला, जिससे वह भी खुश और समाज के प्रतिनिधियों का भी बना रहा मान
संदर्भ - सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी द्वारा बरात आगमन के दौरान फीता काटने की रस्म पर लगाई गई पाबंदी
जमशेदपुर। सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा समाज सुधार हेतु बनाए गए वैवाहिक नियमों में दूल्हे की बरात आगमन के समय पंडाल में फीता काटने की लगाई गई पाबंदी पर जीजा की सालियों ने जीजा को रोकने का नया रास्ता ढूंढ निकाला है।
दरअसल आज साकची गुरुद्वारा मैदान में मानगो निवासी सरदार चरणजीत सिंह और मनजीत कौर के पुत्र रमनजोत सिंह एवं सीतारामडेरा निवासी सरदार गुरदीप सिंह एवं नरेंद्र कौर की पुत्री हरजीत कौर की विवाह की रसम पुरी की जानी थी।
उससे पहले पंडाल में बरात आगमन पर दूल्हे की सालियों ने पंडाल में फीता नहीं लगाकर दूल्हे को रोकने के लिए उन्हें फूलों का गुलदस्ता भेंट किया और रोक लिया उसके बाद में जीजा ने सालियों को खुश करने के लिए लिफाफे में रश्मि तौर पर कुछ रकम दी। उसके बाद बच्चियों ने उनका रास्ता छोड़ दिया। इस संदर्भ में सेंट्रल गुरुद्वारा कमेटी के प्रधान भगवान सिंह एवं चेयरमैन सरदार शैलेंद्र सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया में फीता लगाने के स्थान पर बच्चीयो द्वारा गुलदस्ता भेंट कर दूल्हे को रोककर रश्मि तौर पर अपनी स्वेच्छा से कुछ रकम दूल्हे द्वारा अपनी सालियों को दी है। यह एक अच्छी पहल बच्चीयो द्वारा की गई है। दोनों ने लड़का लड़की परिवार को धन्यवाद दिया है। खासकर लड़की परिवार जिन्होंने
अपनी जिम्मेदारियां का निर्वाह किया है, इसलिए वे धन्यवाद के पात्र हैं।
उन्होंने बताया कि फीता लगाकर बारात को रोकने पर काफी समय की बर्बादी होती है और अति उत्साहित युवक एक दूसरे को धक्का भी मारते हैं, जिसके कारण दो तीन हादसे भी समाज में हुए हैं।