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जमशेदपुर से सीधे चांडिल डैम से पेयजलापूर्ति के संबंध में विधायक सरयू की पहल पर 02 जुलाई को मुख्य सचिव बुलाएंगे बैठक

जमशेदपुर । आसपास के इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति सीधे चांडिल डैम से करने के संबंध में आगामी 02 जुलाई को मुख्य सचिव द्वारा एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई गई है। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव और नगर विकास विभाग के सचिव भी शामिल रहेंगे। यह निर्णय जमशेदपुर पूर्वी के विधायक श्री सरयू राय की झारखण्ड सरकार के मुख्य सचिव से हुई वार्ता के उपरांत लिया गया।

विधायक सरयू राय ने बताया है कि जमशेदपुर एवं मानगो आदि समीपवर्ती इलाकों में पेयजल की आपूर्ति फिलहाल स्वर्णरेखा नदी से पानी खींचकर की जा रही है। स्वर्णरेखा नदी में पानी चांडिल डैम से ही आता है। परन्तु नदी में भीषण जल प्रदूषण होने के कारण पीने का पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में साफ करने पर काफी अधिक खर्च हो रहा है। इसके बाद भी पीने के पानी का स्वच्छता स्तर मानकों के अनुरूप नहीं होता है। मोहरदा पेयजल आपूर्ति से तो अस्वच्छ पेयजलापूर्ति की शिकायत उपभोक्ताओं के घरों से अक्सर आते रहती है।
श्री राय ने मुख्य सचिव को बताया कि चांडिल डैम से जमशेदपुर में पेयजल आपूर्ति दो स्थानों से निम्नवत की जा सकती है:-

1) पहला, चांडिल डैम से निकलकर घाटशिला की तरफ जानेवाली बायीं नहर से, जो डिमना लेक के समीप से गुजरती है, डिमना लेक में पानी डालकर और उसे मानगो होकर बने पाईपलाईन से जमशेदपुर लाकर। इस नहर से डिमना लेक में पानी गिराने के लिए जल प्रवाह ढांचा भी बना हुआ है। डिमना लेक से मानगो होकर जमशेदपुर के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट तक पेयजल लाने के लिए टाटा स्टील का पेयजल पाईपलाईन पहले से निर्मित है। प्रत्येक दिन पेयजल आपूर्ति की मद में डिमना लेक से पानी की जितनी खपत होगी उतना पानी प्रत्येक दिन चांडिल-घाटशिला बायीं नहर से डिमना लेक में डाल दिया जायेगा। इस तरह डिमना लेक का जल स्तर भी बरकरार रहेगा।

2) दूसरा स्थान डोबो डैम है, जिसे सतनाला डैम भी कहा जाता है। यह डैम ऊँचाई पर स्थित है। यहाँ पर एक छोटा ढाँचा बनाकर गुरूत्वाकर्षण प्रभाव से जमशेदपुर एवं समीपवर्ती इलाकों में पीने के पानी की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है। उल्लेखनीय है कि डोबो/सतनाला डैम में भी पानी चांडिल जलाशय से स्वर्णरेखा दायीं नहर, जिसे पारडीह नहर भी कहा जाता है, से प्रत्येक दिन की जरूरत का पानी चांडिल डैम से डोबो डैम में डाला जा सकता है।

उपर्युक्त दोनों ही विकल्पों से की जानेवाली पेयजल आपूर्ति काफी कम खर्चीली होगी और इस पानी को साफ करके घरों में आपूर्ति करने के लिए नगण्य खर्च करना पडे़गा। साथ ही इसकी स्वच्छता की गांरटी भी रहेगी। यह पेयजल स्वास्थ्यकर भी होगा।

श्री राय ने कहा कि वार्ता के दौरान इन सारी बातों से उन्होंने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव, श्री एल. खिंगायते को अवगत कराया और इस बारे में एक सचिव स्तरीय बैठक आयोजित करने का आग्रह उनसे किया, जिसमें जल संसाधन विभाग के सचिव और नगर विकास विभाग के सचिव भी रहें। मुख्य सचिव ने इस आग्रह को स्वीकार किया और श्री राय को बताया कि वे आगामी 02 जुलाई को शाम 04 बजे यह बैठक आयोजित करेंगे, जिसमें विधायक श्री राय भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त किया कि जमशेदपुर और आसपास के इलाकों में पेयजल की प्रचुर एवं स्वच्छ व्यवस्था के लिए यह बैठक मील का पत्थर साबित होगा।

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